अति भीषण चक्रवाती तूफान निवार के बाद बंगाल की खाड़ी पर फिर से एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ है। यह सिस्टम भी डिप्रेशन बनकर दक्षिणी तमिलनाडु के तटों से टकराएगा। 1 दिसंबर से तमिलनाडु के तटीय जिलों में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। राज्य के दक्षिणी जिलों में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है। कराईकल, नागापट्टिनम, पुदुक्कोट्टई, शिवगंगा, रामनाथपुरम और थूथुकुडी जैसी जगहों पर 2 दिसंबर को मूसलाधार बारिश हो सकती है। चेन्नई, कुड्डलोर, पुडुचेरी, और तटीय तमिलनाडु के जिलों में भी भारी वर्षा होने की संभावना है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और अलप्पुझा समेत केरल में भी भारी से अति भारी बारिश होगी।
तमिलनाडु और दक्षिणी केरल के तटीय भागों में 30 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच समुद्र में हलचल काफी बढ़ जाएगी। बंगाल की खाड़ी से तमिलनाडु के तटों के पास बढ़ रहा सिस्टम तमिलनाडु और केरल को पार करते हुए अरब सागर में पहुँच जाएगा। अरब सागर पर पहुँचने के बाद यह फिर से प्रभावी हो जाएगा और इसके चक्रवाती क्षेत्र में तब्दील होने के आसार हैं।
एक अन्य निम्न दबाव का क्षेत्र में 2 दिसंबर तक दक्षिणी अंडमान सागर पर फिर से विकसित होने की उम्मीद है। इस निम्न दबाव के भी डिप्रेशन बनने और 6 दिसंबर तक तटीय तमिलनाडु की ओर बढ़ने की संभावना है। यह मौसमी सिस्टम नागापट्टिनम, कुड्डलोर, चेंगलपट्टू, विल्लुपुरम, अरियालुर और तंजावुर पर भारी से अति भारी बारिश दे सकता है।
हालांकि इस सिस्टम के चक्रवात बनने की संभावना कम होती दिख रही है, क्योंकि यह सिस्टम तेजी से आगे बढ़ेगा और लंबे समय तक समुद्र में टिकने का मौका नहीं मिलेगा।
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