उत्तर भारत में जनवरी और फरवरी में जिस तरह से हर हफ्ते बारिश हुई, उसी तरह से बारिश का सिलसिला मार्च के पहले दो हफ्तों में भी देखने को मिल रहा है। थोड़े-थोड़े अंतराल पर पश्चिमी हिमालय भागों पर आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के न सिर्फ पहाड़ी इलाकों में वर्षा हो रही है बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही है।
इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत पर है, इसके प्रभाव से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र राजस्थान पर बना है और इस सिस्टम से उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों तक एक ट्रफ बनी हुई है। इनके प्रभाव से पंजाब और हरियाणा में सोमवार को रुक-रुक कर बारिश देखने को मिली। हमारा अनुमान है कि बारिश की गतिविधियां अगले 12 घंटों तक बनी रह सकती हैं।
इस दौरान अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, चंडीगढ़, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, हिसार, रोहतक और आसपास के शहरों में गरज के साथ वर्षा होने के आसार हैं। बारिश पंजाब में खासकर उत्तरी भागों में देखने को मिल सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि यह पश्चिमी विक्षोभ कमजोर है और तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसके कारण अगले 12 घंटों में यानी 12 मार्च से मौसम साफ हो जाएगा।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 13 मार्च को एक नया पश्चिमी विक्षोभ फिर से आएगा और पंजाब व हरियाणा के अधिकांश इलाकों में इसके चलते बारिश होगी। अनुमान है कि बारिश की गतिविधियां 14 मार्च की शाम या रात तक जारी रह सकती है। 15 मार्च से पश्चिम विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र आगे बढ़ेंगे तब फिर से दोनों राज्यों में मौसम साफ हो जाएगा।
बारिश का वर्तमान और आगामी दौर खत्म होने के बाद 15 मार्च से उत्तर भारत से ठंडी हवाएं चलेंगी, जिसके कारण अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, हिसार, झज्जर, भिवानी, महेंद्रगढ़, रोहतक, पानीपत, सोनीपत, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम सहित अधिकांश कई शहरों में सुबह व रात के तापमान में 3-4 डिग्री की गिरावट होगी जिससे एक बार फिर से सर्दी बढ़ सकती है। हालांकि अब ऋतु परिवर्तन होने का समय है जिसके कारण तापमान में भारी गिरावट नहीं होगी और शीतलहर जैसे हालात अब नहीं बनेंगे।
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