पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि देखी गयी, जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर फसल की भी क्षति हुई। अगर इस बार सर्दियों में हुई बारिश की बात करें तो, पूर्वी मध्य प्रदेश सामान्य से 37 फीसदी कम जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में 62 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है।
इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से और उत्तरी छत्तीसगढ़ के ऊपर कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन बन गया है जिसकी वजह से अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश होने या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। 23 फरवरी को भी जबलपुर, मंडला, सिवनी, बालाघाट, बिलासपुर सहित पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर वर्षा जारी रहेगी।
उसके पश्चात 24 से 26 फरवरी के बीच बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। 24 फरवरी को राजस्थान के पूर्वी हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनेगा। इस सिस्टम से उत्तरी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होते हुए गंगीय पश्चिम बंगाल तक एक ट्रफ भी बनेगी। वहीं, 25 फरवरी को एक उत्तर-दक्षिणी ट्रफ पूर्वी उत्तर प्रदेश से तेलंगाना तक विकसित होगी।
इन सिस्टमों के कारण 24 फरवरी से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में एक बार फिर से हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। संभावना है कि 25 फरवरी से बारिश बढ़ेगी और यह अगले दिन यानि 26 फरवरी तक जारी रहेगी।
27 फरवरी बारिश में कमी आने की संभावना है क्योंकि यह सिस्टमउत्तर-पूर्वी दिशा में निकल जाएंगे। धीरे-धीरे मध्य भारत के दोनों प्रमुख राज्यों में मौसम शुष्क हो जाएगा। इस साल, 1 जनवरी से अब तकछत्तीसगढ़ राज्य में अच्छी बारिश हुई है। आंकड़ों के अनुसार राज्य में सामान्य से 27 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश में सामान्य से 46 फीसदी कम बारिश हुई है।
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