पिछले दो सप्ताह से गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा में मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना हुआ है। किसी विशेष मौसमी हलचल के अभाव में इन दोनों क्षेत्रों में बारिश जैसी मौसमी गतिविधियां देखने को नहीं मिलीं बल्कि यहाँ असामान्य रूप से तापमान अधिक हो जाने के कारण गर्मी ने अभी से परेशान कर दिया है।
हालांकि इस समय के मौसमी परिदृश्य बदलाव के संकेत दे रहे हैं। दक्षिणी पश्चिम बंगाल से ओड़ीशा तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है और इसके दोनों छोरों पर चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र विकसित हो गए हैं। इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश पहले से ही शुरू हो गई है। बारिश की तीव्रता और इसके दायरे में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी दर्ज किए जाने की संभावना है। इन भागों में अगले 2 दिनों तक बारिश की गतिविधियां बनी रहने की संभावना है।
ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल के दक्षिणी क्षेत्रों में फिलहाल काफी गर्म मौसम बना हुआ है। कुछ दिनों से उमस भी अधिक होने के कारण मौसम ने अभी से लोगों का बुरा हाल कर दिया है। सामान्य से अधिक दिन के तापमान के कारण दिन बेहद गर्म जबकि अधिक आर्द्रता के चलते रातें असहज हो रही हैं।
समुद्र तटीय भागों के करीब होने के कारण कोलकाता और भुवनेश्वर जैसे शहरों के वातावरण में नमीं की अधिकता परेशान कर रही है। रात में भी गर्म और आर्द्र हवाओं के चलते मौसम असहज बना हुआ है।
दोनों राज्यों के प्रमुख शहरों में 24 फरवरी को दर्ज किए गए न्यूनतम तापमान और उसमें सामान्य के स्तर से आया इस सारणी में देख सकते हैं:
राहत की बात यह है कि बदल रहा मौसम कुछ समय के लिए राहत लेकर आएगा। संभावित बारिश के चलते दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी और अगले कुछ दिनों के लिए तेज़ गर्मी से राहत बनी रहेगी।
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