अनुमान के मुताबिक चेन्नई सहित तमिलनाडु के लिए दिसम्बर की शुरुआत भीषण बारिश के साथ हुई लेकिन राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत अभी भी ठंड की बाट जोह रहा है। हालांकि उत्तर भारत के राज्यों में हवाओं में हल्का ठंडापन है लेकिन तापमान सामान्य से अधिक चल रहे हैं। न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर है जिसके कारण इन भागों में लोगों को सर्दी महसूस नहीं हो रही है।
स्काइमेट के अनुसार दिल्ली के लिए अपनी विदाई तक नवंबर अपेक्षाकृत गर्म ही बना रहा। इस वर्ष नवंबर में औसत अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस जबकि औसत न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जो पिछले वर्षों के मुक़ाबले काफी अधिक है।
उदाहरण के तौर पर वर्ष 2012, 2013 और 2014 में नवंबर में औसत न्यूनतम तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। नवंबर 2015 में न्यूनतम तापमान बीते 3 वर्षों के औसत न्यूनतम तापमान से 2.4 डिग्री अधिक रहा, जो इसके गर्म होने का साफ संकेत कर रहा है।
उत्तर भारत में इस बार पश्चिमी विक्षोभों की आवृत्ति अपेक्षाकृत सामान्य से कम रही। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि पश्चिमी विक्षोभ के कम आने के चलते ही दिल्ली के तापमान में कम गिरावट हुई है। उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से बारिश और बर्फबारी होने के बाद चलने वाली उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाओं के चलते दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में तापमान में गिरावट आती है। इस बार पश्चिमी विक्षोभ कम आए जिससे ऐसा नहीं हो सका।
अगले एक सप्ताह तक दिल्ली में मौसमी परिदृश्य इसी तरह बना रहेगा क्योंकि उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ के आने की संभावना कम है। अनुमान है कि अच्छी सर्दी की शुरुआत दिल्ली में 15 दिसंबर के बाद होगी। हालांकि अगले हफ्ते से सर्दी महसूस होने लगेगी।
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