पूर्वी भारत के राज्यों में मौसम की सक्रियता बढ़ गई है। खासतौर पर बिहार के पूर्वी जिलों और उत्तरी झारखंड में। इस समय बिहार के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जिसके चलते बिहार के पूर्वी जिलों और उत्तरी झारखंड में कुछ स्थानों पर अगले 24 से 48 घंटों के दौरान गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है।
स्काईमेट ने पहले ही इस संभावित मौसम के बारे में अपने पूर्वानुमान में जानकारी दी थी। बिहार पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते बंगाल की खाड़ी से नम हवाओं का प्रवाह पूर्वी भारत के राज्यों में बढ़ गया है। साथ ही पश्चिम से जम्मू कश्मीर को पार करते हुए पहुंच रही पश्चिमी विक्षोभ की हवाएं भी इन भागों में मौसमी परिदृश्य को प्रभावित कर रही हैं।
यह समय प्री-मॉनसून वर्षा का समय है और इस समय छोटा नागपुर पठार में होने वाली मौसमी गतिविधियों को काल बैसाखी के नाम से जाना जाता है। छोटा नागपुर में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाके में शामिल हैं। काल बैशाखी में बिहार और झारखंड के कुछ इलाकों में तेज हवाओं और गरज के साथ बारिश होने की संभावना बनी रहती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के दौरान बिहार के किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, भागलपुर और झारखंड के उत्तरी जिलों और उससे सटे पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में गरज तेज हवाओं और आकाशीय बिजली के कड़कने के साथ ही हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
प्री-मॉनसून वर्षा में आकाशीय बिजली गिरना यानी वज्रपात जैसी मौसमी घटनाएं होना आम है और छोटा नागपुर के इलाके खासतौर पर बिहार के कुछ इलाकों में ऐसी घटनाएँ बहुतायत में होती हैं। ऐसे में छोटा नागपुर के भागों में खराब मौसम के दौरान घर से बाहर न निकलें तो बेहतर होगा, क्योंकि आकाशीय बिजली कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती है। बारिश के चलते इन भागों में अधिकतम तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की जाएगी जिससे तेज़ गर्मी से राहत मिलेगी।
Image credit: Indiana Public Media
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