पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के लिए प्री-मॉनसून सीजन अप्रैल के मध्य के बाद से लेकर जून के मध्य तक लगभग 60 दिनों के दौरान प्रायः काल बन जाता है। बीते एक सप्ताह से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों और दो-तीन दिनों से पूर्वी भारत में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में कुछ ऐसी ही गतिविधियां देखने को मिल रही हैं।
बिहार में भी कुछ स्थानों पर काल बैसाखी का प्रकोप दिखा है जिससे लगभग 13 लोगों की जान जाने की खबर है। काल बैसाखी उस मौसमी घटना को कहते हैं जब पूर्वी भारत में छोटा नागपुर पठार के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भागों बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम बेहद उग्र रूप ले लेता है। इस दौरान 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने, बिजली गिरने, बादलों की भीषण गर्जना होने के साथ-साथ भारी वर्षा देखने को मिलती है।
जारी रहेगा मौसम का प्रकोप
हाल के दिनों में संभावित क्षेत्रों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है। गंगा के मैदानी क्षेत्रों पर इस समय एक ट्रफ बना है। साथ में पूर्वोत्तर राज्यों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है। इन दोनों सिस्टम के चलते न सिर्फ बंगाल की खाड़ी से बल्कि अरब सागर से भी आर्द्र हवाओं का प्रवाह पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों पर बना हुआ है। यही कारण है कि यहां पर मौसम की व्यापक सक्रियता देखने को मिल रही है।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अगले 2 दिनों के दौरान ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर भीषण बारिश देखने को मिल सकती है। नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी ऐसी ही गतिविधियां हो सकती हैं। इन सभी क्षेत्रों में बारिश के साथ साथ 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने, बादलों की तेज़ गर्जना और बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं। अरुणाचल प्रदेश असम में अपेक्षाकृत मौसम ज्यादा सक्रिय नहीं होगा। लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
दूसरी ओर बिहार में खासतौर पर पूर्वी और दक्षिण पूर्वी बिहार में मध्यम से तेज वर्षा की संभावना अगले 48 घंटों तक रहेगी। वहीं पश्चिमी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ वर्षा होने के आसार हैं। इस प्री-मॉनसून वर्षा से फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। मवेशियों के भी नुकसान की आशंका है। यह समय बेहद सतर्क रहने का है, क्योंकि यह पूर्वी भारत के लोगों के लिए दोहरी है।
सुधरा पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत में बारिश का आंकड़ा
कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के बारिश के आंकड़ों में सुधार हुआ है। इस क्षेत्र में अब बारिश सामान्य से 11% पीछे रह गई है। जबकि 2 हफ्ते पहले तक यह लगभग 40 फ़ीसदी नीचे थी। ज़्यादा बारिश वाले राज्यों में बिहार में 333% अधिक, झारखण्ड में 299% ज़्यादा, पश्चिम बंगाल में 52% अधिक और सिक्किम में 19% अधिक बारिश हुई है|
दूसरी ओर अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में सामान्य से 48% कम बारिश हुई है। मिजोरम में 63 और त्रिपुरा में सामान्य से 41 फ़ीसदी कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। असम में 38% कम और मेघालय में 29 फ़ीसदी कम वर्षा अब तक हुई है।
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