पश्चिम बंगाल के गंगीय भागों में पिछले 24 घंटों के दौरान काल-बैसाखी का प्रकोप देखने को मिला। लगभग 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ बिजली गिरने और बारिश की घटनाओं में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है। मंगलवार की शाम तूफान के साथ आई बारिश के चलते गंगीय पश्चिम बंगाल में व्यापक नुकसान हुआ है और सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
सैकड़ों पेड़ उखड़ गये और अनेकों बिजली के खंभे गिर गये। चलते मेट्रो सेवाएं कुछ समय के लिए बंद कर दी गईं। साथ ही हावड़ा और सियालदह मंडल में ट्रेनों के आने-जाने पर असर पड़ा। यही नहीं मंगलवार को काल बैसाखी ने विमान सेवाओं पर भी बुरा असर डाला और कई उड़ानें प्रभावित हुईं। मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार अलग-अलग घटनाओं में कोलकाता में चार, हावड़ा में छह, बांकुरा में दो और हुगली में एक व्यक्ति सहित 15 लोगों की मौत हो गई है।
गौरतलब है कि मंगलवार शाम लगभग पौने 8 बजे 84 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान आया जिसकी रफ्तार कुछ ही समय में बढ़ते हुए 98 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच गयी। स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार कोलकाता सहित गंगीय पश्चिम, पूर्वी बिहार, पूर्वी झारखंड और ओड़ीशा में प्री-मॉनसून सीज़न में इस तरह की घटनाएँ प्रायः देखने को मिलती हैं जिन्हें नोर्वेस्टर या कालबैसाखी कहा जाता है। हालांकि कल की घटना में हवा की गति आमतौर पर काल बैसाखी के दौरान चलने वाली हवा से बहुत अधिक थी।
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महेश पालावत के अनुसार आने वाले समय में भी गंगीय पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा में कुछ स्थानों पर गरज और तेज़ हवाओं के साथ बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती हैं। कहीं-कहीं बिजली गिरने की घटनाएँ भी हो सकती हैं। कालबैसाखी में तूफानी हवाओं के अलावा बिजली गिरने से भी जान-माल को नुकसान होता है। इसलिए सुझाव है कि मौसम के तेज़ी से बदलते मिजाज के समय बाहर निकलने से बचें तथा आवश्यक एहतियाती उपाय करें ताकि किसी अप्रिय घटना का शिकार होने से बच सकें।
Image credit: Indiasamvad
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