उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में अप्रैल की विदाई बारिश के साथ होगी। इस समय उत्तरी पाकिस्तान तथा इससे सटे जम्मू कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तान के मध्य हिस्सों पर देखा जा सकता है। इसके अलावा एक ट्रफ रेखा भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक विकसित हो गई है। इन सिस्टमों के चलते उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में आर्द्र हवाओं का प्रवाह बढ़ गया है जिसके चलते रुक-रुक कर प्री-मॉनसून वर्षा हो सकती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पंजाब से लेकर हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटों तक मौसम इसी तरह से सक्रिय रहेगा। जैसा कि आप जानते होंगे प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां आमतौर पर दोपहर के बाद या शाम के समय ही होती हैं, आज शाम मौसम की सक्रियता के चलते कुछ स्थानों पर धूल भरी हवाओं और गर्जना के साथ बारिश देखने को मिल सकती है। बारिश कहीं हल्की तो कहीं मध्यम हो सकती है।
राजधानी दिल्ली और संघ शासित क्षेत्र चंडीगढ़ में भी आज शाम को धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना के साथ बारिश की गतिविधियां हो सकती हैं। 27 अप्रैल को भी दोपहर या शाम के समय वर्षा होने के आसार हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत में 29 और 30 अप्रैल को वर्षा की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है।.
मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहे हैं कि उत्तर भारत के सभी मैदानी क्षेत्रों में अप्रैल की विदाई बारिश के साथ होगी। जिससे राहत की सांस ले सकते हैं कि लू का सामना इस महीने तो कम से कम नहीं करना पड़ेगा। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगभग 90 प्रतिशत खेती की कटाई-मड़ाई हो चुकी है लेकिन आगामी बारिश का दौर खेतों में खड़ी फसल या काट कर रखी गई फसल के लिए नुकसान दायक हो सकती है। इसलिए हमारा सुझाव है कि कटाई-मड़ाई का काम जल्द से जल्द निपटाएं ताकि नुकसान से बचा जा सके।
Image credit: The Indian Express
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