उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू-कश्मीर पर बना पश्चिमी विक्षोभ जल्द ही अप्रासंगिक बन जाएगा। उत्तर भारत की तरफ फिलहाल कोई नया पश्चिमी विक्षोभ आता दिखाई नहीं दे रहा है जिससे संभावना बन रही है कि उत्तर भारत के मैदानी भागों में अगले कई दिनों तक मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने वाला है।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून की पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से पहले ही वापसी हो चुकी है। हालांकि बीते कुछ दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के भागों में बारिश की गतिविधियों के चलते इन भागों से मॉनसून की वापसी में विराम लग गया था।
इस मॉनसून में उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से 16 प्रतिशत कम बारिश हुई है। हालांकि यह आंकड़ा सामान्य के तौर पर देखा जाता है। इस क्षेत्र में कई इलाके ऐसे हैं जहां औसत से काफी कम वर्षा दर्ज की गई है। इनमें हरियाणा में 37% कम तो पंजाब में 31% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई। उत्तर प्रदेश बारिश के मामले में काफी पीछे रह गया। राज्य के पूर्वी भागों में बारिश की कमी 47 प्रतिशत है जबकि पश्चिमी भागों में सामान्य से 42 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
उत्तर पश्चिम भारत में बारिश का प्रसार पिछले वर्ष भी कुछ इसी तरह का था। मॉनसून अवधि में गत वर्ष हरियाणा में 57 फीसदी कम तो पंजाब में 50 फीसदी कम वर्षा दर्ज की गई थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 43 प्रतिशत तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 56 प्रतिशत बारिश कम हुई थी।
चूंकि अब उत्तर भारत के भागों से मॉनसून वापसी का दौर है, ऐसे में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। इन भागों में आसमान साफ रहेगा, जिससे खिली धूप के बीच दिन में हल्की गर्मी महसूस की जा सकती है। हालांकि सुबह और रात में मौसम शीतल हवाओं के बीच बेहद खुशनुमा होगा।