भारत के पूर्वी तट पर काफी बारिश देने के बाद चक्रवात बुलबुल अब दूर हो गई है। इस समय, बंगाल की खाड़ी के ऊपर कोई मौसम प्रणाली नहीं है। इसलिए, उत्तर पूर्वी हवाओं का सामान्य पैटर्न एक बार फिर से आ जाएगा। जिसके बाद हम उम्मीद करते हैं कि उत्तर पूर्वी मॉनसून एक बार फिर से रफ्तार पकड़ लेगा और उत्तर-पूर्वी हवाएँ तमिलनाडु तट पर बारिश देने में कारगर साबित होंगी।
उत्तर पूर्वी मॉनसून काफी लंबे समय के बाद एक बार फिर रफ्तार पकड़ने वाला है। हालांकि, अक्टूबर के महीने में मॉनसून की बारिश अधिक हुई है, लेकिन नवंबर के महीने में मॉनसून अब तक कमजोर रहा है। आज यानि 13 नवंबर के बाद हम तमिलनाडु के तटीय इलाकों में बारिश शुरू होने की उम्मीद करते हैं। जबकि, बारिश की तीव्रता कल के बाद से और बढ़ सकती है।
इन बारिश के पीछे का कारण नमी वाली तेज उत्तरी हवाएँ होंगी। इसके बाद, मॉनसून वृद्धि भी सक्रिय हो जाएगी। इसके अलावा, तमिलनाडु के तट पर एक कमजोर ट्रफ रेखा बनने की उम्मीद है, जिससे बारिश की गतिविधियों में और वृद्धि हो सकती है।
यह बारिश 22 या 23 नवंबर तक जारी रह सकती है। राज्य के पुडुचेरी, कराईकल, तंजावुर, चेन्नई जैसे स्थानों के साथ-साथ दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के आसपास के जिले भी इन बारिश की गतिविधियों होंगी। हालांकि, तमिलनाडु के आंतरिक भागों में भारी बारिश नहीं हो सकती है। तमिलनाडु के तटीय भागों में मध्यम वर्षा की आशंका है।
खासकर, चेन्नई शहर में कम से कम अगले दस दिनों के लिए कुछ अच्छी बारिश हो सकती है। इस प्रकार, मानसून एक बार फिर पूर्वी तट पर विशेष रूप से तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में फिर से बढ़ सकता है।
Image credit: DNA India
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