Skymet weather

[Hindi] जतिन सिंह, एमडी स्काइमेट: इस सप्ताह दक्षिण भारत में उत्तर पूर्वी मॉनसून होगा सक्रिय, उत्‍तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी का इंतज़ार होगा ख़त्म, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण से राहत की कोई संभावना नहीं

November 9, 2020 11:56 AM |
Pune banglore highway

ला नीना लगातार उभार पर है। सर्दी के इस मौसम के अंत तक इसके अस्तित्व में बने रहने की संभावना है। इसके चलते उत्तर पूर्वी मॉनसून प्रभावित हो रहा है। उत्तर-पूर्वी मॉनसून से सबसे ज्यादा बारिश पाने वाले राज्य तमिलनाडु में 1 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच 37% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है।

इस बीच दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2020 के अच्‍छे प्रदर्शन के चलते खरीफ फसलों की बंपर बुवाई और वर्तमान रवि फसलों की बुआई के लिए मौजूद पर्याप्त जल संग्रहण के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 2020-21 के लिए खाद्यान्न उत्पादन को संशोधित कर सर्वकालिक रिकॉर्ड 301 मिलियन टन के स्तर पर कर दिया है, जो 2019-20 के खाद्यान्न उत्पादन से 4 मिलियन टन अधिक है। सबसे ज्यादा जोर तिलहनी फसलों के उत्पादन और पाम ऑयल की खेती पर दिया गया है ताकि वनस्पति तेलों के लिए आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके। इस साल धान की खरीद समय से पहले ही सरकार ने शुरू करने के आदेश दिए थे, परिणाम स्वरूप 8 नवंबर तक देश में कुल 248.99 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है, जो बीते वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 20% ज्यादा है। धान की पूरी खरीद में सबसे ज्यादा 70% का योगदान पंजाब का है। अकेले पंजाब में अब तक 175.24 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।

धान की खरीद इस समय पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल और गुजरात में जारी है। बंपर उत्पादन की संभावनाओं के बीच उड़ीसा राज्य सरकार ने भी 2020-21 खरीफ विपणन वर्ष के दौरान 71 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बीच केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष की गई 42 मिलियन टन की खरीद के मुकाबले इस वर्ष 18% अधिक 49.5 मिलियन टन खरीद का लक्ष्य तय किया है।

ला नीना के प्रभाव से कमजोर उत्तर-पूर्वी मानसून ने पिछले सप्ताह 3 दिन औसत और उम्मीद के अनुरूप पर बेहतर प्रदर्शन किया। इस सप्ताह भी मॉनसून के प्रदर्शन में सुधार की संभावना है। हालांकि अच्छी बारिश के आसार सप्ताह के आखिरी दिनों में हैं। वर्तमान में जारी समय को साइक्लोन सीजन के तौर पर भी जाना जाता है। इस समय बंगाल की खाड़ी में हलचल काफी अधिक होगी जिसके कारण अंडमान निकोबार द्वीप क्षेत्र में भी जबरदस्त वर्षा होने के आसार हैं।

उत्तर भारत

लंबे समय से जारी उत्तर भारत में शुष्क मौसम में अब विराम लग सकता है। इस सप्ताह एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों को प्रभावित करेगा, जिससे सप्ताह के मध्य से लेकर आखिर तक जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में ठीक-ठाक बारिश और बर्फबारी देखने को मिल सकती है। साथ ही पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में भी कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा या गरज के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। जबकि उत्तर भारत के बाकी सभी हिस्सों में मौसम पहले की तरह ही साफ और शुष्क बना रहेगा। उत्तर भारत के पहाड़ों पर जब बर्फबारी हो रही होगी उस दौरान दिल्ली सहित मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान कुछ बढ़ सकता है।

पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत

इस सप्ताह पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में लगभग सभी राज्यों में मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहने की संभावना है। सुबह के समय ज्यादातर जगहों पर धुंध और कोहरा छा सकता है लेकिन बारिश के आसार नहीं है। बादल भी पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में देखने को नहीं मिलेंगे। सुबह के समय सर्दी का प्रभाव बढ़ेगा लेकिन मौसम खुशनुमा बना रहेगा। दोपहर में कुछ इलाकों में हल्की गर्मी देखने को मिल सकती है।

मध्य भारत

तटीय आडिशा में इस सप्ताह के मध्य में 11 से 13 नवंबर के बीच भारी वर्षा देखने को मिल सकती है। जबकि मध्य भारत के बाकी सभी क्षेत्रों में मौसम साफ और शुष्क ही बना रहेगा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सप्ताह के आखिर तक रात के तापमान में गिरावट होने की संभावना है।

दक्षिणी प्रायद्वीप

देश के तमाम क्षेत्रों की तुलना में दक्षिण भारत इस सप्ताह भी सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र होगा। बारिश की गतिविधियां शुरुआती दिनों में तटीय तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों तक सीमित रहेंगी। उसके बाद धीरे-धीरे दक्षिण भारत के अन्य क्षेत्रों में वर्षा देखने को मिलेगी। इस सप्ताह तमिलनाडु के तटीय शहरों में कई जगहों पर भारी वर्षा देखने को मिल सकती है। केरल, कर्नाटक और रायलसीमा में भी सप्ताह के मध्य से आखिर तक बारिश होने की संभावना है।

दिल्‍ली-एनसीआर

राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यह सप्‍ताह भी कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। इस सप्‍ताह भी मौसम साफ और शुष्‍क ही रहने वाला है। प्रदूषण लगभग हर दिन बना रहेगा। न्‍यूनतम तापमान 12 डिग्री और अधिकतम तापमान 29 डिग्री के आसपास रहेगा।

चेन्नई

यह सप्‍ताह लंबे समय बाद चेन्नई के लिए काफी अच्छा सप्ताह होगा, जब चेन्नई के तमाम क्षेत्रों में काफी व्यापक वर्षा हो सकती है। उम्मीद है कि सप्ताह के आखिरी तीन-चार दिनों के दौरान चेन्नई में भारी वर्षा भी दर्ज की जाएगी। अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा।

दिल्ली प्रदूषण

उम्मीद के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में पिछले सप्ताह प्रदूषण में बेतहाशा वृद्धि हुई और वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान के औसत से चार पांच डिग्री नीचे जाने के कारण स्थितियां और चिंताजनक हुई थी। जब तापमान कम होता है, हवा की रफ्तार कम होती है और हल्का कोहरा या कुहासा बनने लगता है तब दिल्ली में प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। इन स्थितियों के बीच स्थानीय स्तर पर उठने वाला प्रदूषण चाहे वह धूल के कण हों या वाहनों और उद्योगों से निकलने वाला धुआं हो हवा में निचले स्तर पर ही जमा रहता है जो दिल्ली एनसीआर के आसमान पर निचली सतह में एक काली चादर के रूप में दिखाई देने लगता है।

इस सप्ताह के शुरुआती दिनों में हवाओं की रफ्तार कम रहेगी और हवा की दिशा में परिवर्तन भी होगा जिसके चलते दिल्ली प्रदूषण में किसी तरह की कमी आने की संभावना फिलहाल नहीं है। खासतौर पर जब उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी होगी उस दौरान दिल्ली पर पूर्वी नम हवाओं का कब्जा रहेगा और इन नम हवाओं के कारण प्रदूषण और भयावह रूप ले सकता है। इससे आशंका है कि दीपावली के आसपास दिल्ली एनसीआर फिर से एक गैस चैंबर में तब्दील हो सकता है।

दिल्ली प्रदूषण से दो ही मौसमी बदलाव निजात दिला सकते हैं, एक अच्छी बारिश और दूसरी मध्यम से तेज रफ्तार की हवा। जिसकी संभावना कम से कम अगले 8-10 दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर पर नहीं है। ऐसे में एक तरफ कोविड-19 की महामारी का खतरा, तो दूसरी ओर बढ़ता प्रदूषण इन दोहरी चुनौतियों से दिल्ली और एनसीआर के लोगों को निपटना है। स्काईमेट की दिल्ली-एनसीआर के लोगों से अपील है कि कोरोना वायरस और प्रदूषण से बचने के लिए बेहतर मास्क का उपयोग करें। बच्चों को भी मास्क पहने बिना घर से बाहर न निकलने दें। बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से परेशान लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

Image credit: Social Media

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try