अरब सागर पर बीते 4 दिनों से एक मौसमी सिस्टम बना हुआ है। 4 दिनों से इसकी क्षमता निम्न दबाव की बनी हुई लेकिन यह अब और प्रभावी हो रहा है। जल्द ही इसकी डिप्रेशन बनने की संभावना है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान यह सिस्टम गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा और उसके बाद आगामी 24 घंटों में यह डिप्रेशन का रूप ले सकता है।
मौसम से जुड़े मॉडल संकेत कर रहे हैं कि अरब सागर पर बना मौसमी सिस्टम शुरुआत में 24 अक्टूबर तक उत्तर तथा उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। उसके उपरांत यह भारत के पश्चिमी तटीय भागों से दूर जाना शुरु करेगा। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इसका ट्रैक अब तक काफी संतुलित और अनियमित रहा है। किसी प्रभावी मौसमी सिस्टम के साथ आमतौर पर ऐसा कम ही देखने को मिलता है। यह सिस्टम समुद्र के बीच में बना था उसके बाद तटों के करीब आ गया है। अगले दो-तीन दिनों तक तटों के साथ-साथ आगे बढ़ता रहेगा उसके उपरांत डिप्रेशन बनते ही यह दूर निकल जाएगा।
English Version: Northeast Monsoon-Depression likely in Arabian Sea in 48 hours, Coastal Karnataka on flood alert
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिस्टम जब उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा उस दौरान इसे अनुकूल स्थितियां मिलेंगी जिसमें विशाल समुद्री क्षेत्र, समुद्र की सतह का गर्म तापमान और निचला वर्टिकल विंड शीयर जोन शामिल हैं। ऐसे में इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि यह सिस्टम एक चक्रवाती तूफान का रूप भी ले सकता है। हालांकि इसे चक्रवात घोषित करने के लिए कुछ और समय का इंतजार करना होगा।
तटीय कर्नाटक में बाढ़ का अलर्ट
इस सिस्टम के प्रभाव से उत्तर पूर्वी मॉनसून आने वाले दिनों में सक्रिय बना रहेगा। माना जा रहा है कि इसके प्रभाव से केरल और कर्नाटक के तटवर्ती क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा देखने को मिलेगी। मौसम विशेषज्ञों ने पहले ही केरल और कर्नाटक के तटवर्ती क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।
केरल में पहले से ही अधिकांश स्थानों पर मूसलाधार वर्षा हो रही है। कर्नाटक और दक्षिणी महाराष्ट्र में भी कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा पिछले कुछ दिनों के दौरान देखने को मिली है। हमारा अनुमान है कि कर्नाटक में 21 अक्टूबर को भी कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
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तटीय कर्नाटक और उत्तरी कर्नाटक में 22 और 23 अक्टूबर को भीषण वर्षा की आशंका जताई जा रही है। इन राज्यों में कई जगहों पर अचानक बाढ़ आने की संभावना है। बारिश के साथ-साथ बिजली गिरने और तूफानी हवाएं चलने की संभावना है। भारत के तटों से सटे अरब सागर में उथल-पुथल काफी होगी जिसके चलते मछुआरों से समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है। समुद्र में अन्य गतिविधियों को भी फिलहाल टालने का सुझाव जारी किया गया है।
कर्नाटक के मंगलुरू, कारवार, होनावर, चित्रदुर्गा, चिकमगलूर, धारवाड़, शिवमोगा और गडग जैसे जिलों में अगले कुछ दिनों के दौरान मौसम की चुनौती को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इन भागों में 60 से 80 मिमी बारिश होने की संभावना है। कहीं-कहीं 100 मिमी तक भी पहुँच सकता है बारिश का आंकड़ा।
Image credit: The Hindu
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