भारत में दो मॉनसून सीज़न होते हैं। जहां जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मॉनसून समूचे भारत में बारिश देता है वहीं उत्तर-पूर्वी मॉनसून के कारण अक्टूबर से दिसम्बर के बीच केवल दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश होती है। इससे पूर्वोत्तर भारत के भी कुछ हिस्से प्रभावित होते हैं।
उत्तर-पूर्वी मॉनसून तभी आता है जब दक्षिण-पश्चिम मॉनसून देश के सभी भागों से अलविदा कह दे। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आमतौर उत्तर-पूर्वी मॉनसून का आगमन 20 अक्टूबर के आसपास होता है। इसमें 5 दिन का अंतर प्रायः देखा जाता है। हालांकि इसकी विदाई 31 दिसम्बर को तय होती है। यानि आगमन में जल्दी या देरी भले हो लेकिन विदाई का समय तय है।
सबसे ज़्यादा कहाँ होती है बारिश
इस मिनी मॉनसून के चलते लगभग 70 दिनों की अवधि में तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में अच्छी बारिश है। केरल में अक्टूबर में महीने भर वर्षा होती रहती है। यही नहीं बाकी दक्षिणी राज्यों में भी अक्टूबर में अच्छी बारिश होती है।
उत्तर-पूर्वी मॉनसून के बारे में जानने के लिए देखें वीडियो
अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर यानि इन तीन महीनों में सबसे अधिक बारिश वाला महीना अक्टूबर है। उसके बाद बारिश क्रमशः घटती जाती है। नवंबर में अक्टूबर से कम जबकि दिसंबर में नवंबर से कम वर्षा देखने को मिलती है। उत्तर-पूर्वी मॉनसून का आगाज़ तमिलनाडु में होता है और इसकी विदाई भी तमिलनाडु से होती है। तीन महीनों के उत्तर-पूर्वी मॉनसून सीज़न में सबसे अच्छी बारिश तमिलनाडु में ही देखने को मिलती है।
उत्तर-पूर्वी मॉनसून कब देगा दस्तक
दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून गुजरात और मध्य प्रदेश तक वापस हो गया है। जब मॉनसून की वापसी की सीमा 15 डिग्री लैटीट्यूड तक पहुँच जाती है तब दक्षिण-पश्चिम मॉनसून को वापस हुआ मान लिया जाता है। अनुमान है कि यह सीमा अगले 2-3 दिनों 15 डिग्री तक पहुँच जाएगी।
दक्षिण भारत में अब पूर्वी तथा उत्तर-पूर्वी हवाएँ चलने लगी हैं और बारिश भी लगातार हो रही है। यानि उत्तर-पूर्वी मॉनसून के आगमन के लिए स्थितियाँ अनुकूल बन रही हैं। मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि अगले 3-4 दिनों में यह मिनी मॉनसून दक्षिण भारत के राज्यों में अपना डेरा अगले 70 दिनों के लिए डाल लेगा।
Image credit: Live Mint
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