भारत में दो मॉनसून सीज़न होते हैं। एक तो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून और दूसरी उत्तर पूर्वी मॉनसून। हालांकि देश में अधिकांश लोग दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के बारे में ही जानते हैं क्योंकि जून से सितंबर के बीच बारिश देने वाला यह मॉनसून देश के अधिकांश भागों को कवर करता है। जबकि उत्तर-पूर्वी मॉनसून के चलते पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों और दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश होती है।
उत्तर-पूर्वी मॉनसून का आगमन आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की विदाई के बाद अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में होता है। उत्तर-पूर्वी मॉनसून मुख्यतः तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल को प्रभावित करता है। इसके चलते सबसे अधिक बारिश केरल में होती है जहां पूरे अक्टूबर में महीने भर वर्षा होती रहती है। यही नहीं बाकी दक्षिणी राज्यों में भी अक्टूबर में अच्छी बारिश होती है।
अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर में उत्तर-पूर्वी मॉनसून सीज़न सबसे अधिक बारिश देता है। इसमें पहले यानि शुरुआती महीना अधिक बारिश देता है। उसके बाद बारिश क्रमशः घटती जाती है। नवंबर में कुछ जबकि दिसंबर में सबसे कम वर्षा होती है। उत्तर-पूर्वी मॉनसून का आगाज़ तमिलनाडु में सबसे पहले होता है और इसकी विदाई सबसे आखिर में तमिलनाडु से ही होती है। तीन महीनों के उत्तर-पूर्वी मॉनसून सीज़न में सबसे अच्छी बारिश तमिलनाडु में ही देखने को मिलती है।
अभी दक्षिणी राज्यों से दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून वापस नहीं हुआ है। लेकिन अगले कुछ ही दिनों में यह विदा हो जाएगा जिससे कहा जा सकता है कि उत्तर-पूर्वी मॉनसून के आगमन के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं।
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आमतौर पर, उत्तर-पूर्वी मॉनसून 20 अक्टूबर के पहले आ जाता है। हालांकि, स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 17 अक्तूबर तक उत्तर-पूर्वी मॉनसून दस्तक दे सकता है। हम आगे भी मौसमी परिष्टियों पर नज़र रखेंगे और आपको उत्तर-पूर्वी मॉनसून से जुड़े अपडेट देते रहेंगे।
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