तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश25 अक्टूबर को, 20 अक्टूबर की सामान्य तिथि से 5 दिनों की देरी के साथ, पूर्वोत्तर मानसून दक्षिण ने प्रायद्वीप में प्रवेश किया है। भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून के विपरीत, पूर्वोत्तर मानसून 3 महीने (अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर) तक फैला है और दक्षिण भारत के केवल 5 उप प्रभागों केरल और माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक को कवर करता है। यह तमिलनाडु के लिए मुख्य वर्षा ऋतु है और इस दौरान राज्य में वार्षिक वर्षा का 48% हिस्सा होता है। कुछ अपवादों को छोड़कर मौसम हमेशा देर से शुरू होता रहा है और सामान्य से कम बारिश भी हो रही है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के विपरीत, यहां मौसमी वर्षा को सामान्य माना जाता है जब यह लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के +/- 11% के भीतर आती है।
तमिलनाडु और केरल सबसे ज्यादा बारिश और रायलसीमा सबसे कम वाले इलाके हैं। तमिलनाडु राज्य के लिए मौसमी और उप-मंडलीय वर्षा भिन्नता, दोनों उच्च रहती हैं और कभी-कभी 25% की भिन्नता के गुणांक से अधिक हो जाती हैं।
अक्टूबर के महीने की बारिश को मौसम के खिलाफ मन जाता है भले ही शुरुआत का समय चाहे जो हो। अक्टूबर 2021 के दौरान, सिर्फ तटीय आंध्र प्रदेश के उप-विभाग में एक बड़ा घाटा देखने को मिला है, शेष चार उप-मंडलों को पर्याप्त अधिशेष दर्ज किया गया है। अल नीनो/ला नीना, आईओडी और एमजेओ जैसे वैश्विक जलवायु पैरामीटर मौसमी प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं। मौसम के दूसरे भाग के दौरान उत्तर-पूर्व मानसून की अच्छी गतिविधि के लिए बढ़ती ला नीना स्थितियों को अनुकूल माना जाता है। IOD के +/- 0.4°C के दहलीज मान के भीतर रहने की भी उम्मीद है।
इसके अलावा स्काइमेट के मौसम विज्ञानियों के अनुसरा, एक कम दबाव का क्षेत्र तमिलनाडु तट से दूर, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में बना हुआ है। साथ ही एक ट्रफ रेखा इस सिस्टम से उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश तक जा रही है। जिसके कारण 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना है। नवंबर के पहले सप्ताह के दौरान केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भारी वर्षा की संभावना है। अगले एक सप्ताह में तीव्र मौसम गतिविधि के परिणामस्वरूप क्षेत्र में सामान्य से अधिक बारिश होगी। कुल मिलाकर पूर्वोत्तर मानसून सीजन 2021 के सामान्य रहने की उम्मीद है।