भारत के मैदानी भागों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से मौसम ने करवट बदला है। इन भागों में प्री-मॉनसूनी हलचलें बढ़ गई हैं। इन भागों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आने में अभी लंबा समय बाकी है। आमतौर पर जून के अंत तक इन इलाकों में मॉनसून दस्तक देता है। फिलहाल कुछ दिन गर्मी और कुछ समय के लिए प्री-मॉनसून वर्षा का मिलाजुला मौसम देखने को मिलेगा।
बीते 24 घंटों के दौरान राजस्थान के अधिकांध भागों के अलावा, पंजाब के हिमालय के तराई क्षेत्रों और हरियाणा में धूलभरी आंधी और हल्की बूंदाबांदी के रूप में प्री-मॉनसूनी गतिविधियां हुई हैं। इसके अलावा दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में गरज की गतिविधियां देखने को मिली हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों यानि 22 से 25 मई के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी-राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के अधिकांश भागों में धूलभरी आंधी चलने, बादलों की गर्जना होने और बिजली कड़कने के साथ बारिश के रूप में प्री-मॉनसूनी गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
इन मौसमी गतिविधियों के कारण, इन राज्यों के अधिकांध इलाकों में तापमान सामान्य से नीचे पहुंचने की उम्मीद है। जिसके कारण मौसम सुहावना होने के आसार हैं। हालांकि 25 मई के बाद, बारिश की गतिविधियों में कमी आने के साथ तापमान में बढ़ोत्तरी शुरू हो जाएगी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, प्री-मॉनसून सीज़न में 1 मार्च से 21 मई तक समूचे भारत में बारिश सामान्य से 23% कम हुई है। वहीं उत्तर-पश्चिमी भारत के लगभग सभी भागों में औसत या उससे अधिक बारिश हुई है। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश में 30% की कमी रही।
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राजस्थान में अब तक उम्मीद से ज्यादा और औसत से अधिक यानि अच्छी प्री-मॉनसून बारिश हुई है। पंजाब और हरियाणा में भी लगभग औसत के आसपास बारिश रिकॉर्ड की गई है।
Image Credit: The Economic Times
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