जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में जल्द ही अच्छी बारिश का दौर फिर से शुरू होने वाला है। इसके साथ ही उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में बर्फ़ीले तूफान, भूस्खलन और बादल फटने की आशंका भी जताई जा रही है।
मौसम विशेषज्ञों का सुझाव है कि बर्फबारी का नज़ारा करने के लिए उत्तर भारत के पर्वतीय भागों में इस सप्ताह के अंत में ना जाएँ क्योंकि पर्यटकों के लिए मौसम चुनौती पैदा कर सकता है। इस सप्ताह आगामी लंबी छुट्टियों को देखते हुए श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम, वैष्णो देवी, मनाली, कुल्लू, शिमला और धर्मशाला में हजारों की संख्या में पर्यटकों के पहुँचने की संभावना है।
स्काइमेट के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब आ रहा है। इस समय यह मौसमी सिस्टम उत्तरी पाकिस्तान और उसके आसपास के भागों पर बना हुआ है। अनुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ 24 मार्च की शाम से जम्मू कश्मीर को प्रभावित करना शुरू करेगा। इन भागों में हल्के बादल बुधवार से दिखाई देने लगेंगे। जैसे-जैसे यह सिस्टम आगे बढ़ेगा इसका प्रभाव भी अधिक इलाकों में दिखाई देगा। 25 मार्च से हिमाचल प्रदेश में भी गतिविधियां शुरू होंगी। दोनों पर्वतीय राज्यों में शुक्रवार को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
बारिश और बर्फबारी 26 मार्च से बढ़ेगी और जम्मू कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में 27 मार्च तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम जबकि कहीं-कहीं भारी वर्षा और बर्फबारी दर्ज की जाएगी। लगभग 4 दिन तक चलाने वाली बारिश की इस गतिविधि के दौरान उत्तराखंड में भी कुछ स्थानों पर वर्षा होने के आसार हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि 28 मार्च से पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा और बारिश में व्यापक कमी आएगी हालांकि इसके बचे प्रभाव से कहीं-कहीं हल्की वर्षा और बर्फबारी बनी रहेगी। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में औसत से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। यही वह इलाके हैं जहां मार्च महीने में सबसे अधिक वर्षा देखने को मिलती है। यहाँ 19 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है।
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