उत्तर भारत में बारिश देने के लिए जल्द ही एक पश्चिमी विक्षोभ आएगा। बीते दो मौसमी सिस्टम कमजोर रहे हैं जिससे पहाड़ों पर कुछ खास बारिश या हिमपात नहीं हुआ। पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक एक सप्ताह से मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क बना हुआ है। अगला प्रभावी पश्चिमी सिस्टम 26 दिसम्बर को यानि क्रिसमस के बाद उत्तर भारत के राज्यों पर पहुंचेगा तब कई शहरों में बारिश देखने को मिलेगी। पहाड़ों पर बर्फबारी का नज़ारा भी दिखेगा।
फिलहाल 1 अक्टूबर से 21 दिसम्बर के बीच उत्तर भारत में सामान्य से 32% कम वर्षा हुई है। अलग-अलग राज्यों में देखें तो दिल्ली में 96% कम वर्षा हुई है। उत्तर प्रदेश में 80% कम, उत्तराखंड में 67% कम, लद्दाख में 66% कम, राजस्थान में 63% कम, हरियाणा में 49% कम, चंडीगढ़ में 31% कम, पंजाब में 5% कम, जम्मू कश्मीर में 4% कम और हिमाचल में 3% कम वर्षा हुई है।
आंकड़े बताते हैं कि हाल के दिनों में हुई बारिश और हिमपात के चलते पहाड़ों पर और पंजाब में कुछ सुधार हुआ जबकि मैदानी राज्यों में स्थितियाँ अभी मुख्यतः सूखे जैसी ही हैं। उत्तर प्रदेश के लिए स्थिति इसलिए चिंताजनक है क्योंकि राज्य के पश्चिमी भागों में मॉनसून सीजन में भी कम वर्षा हुई थी।
इस बीच आगामी पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में बारिश देखने को मिलेगी। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 26 दिसम्बर को उत्तर भारत में आएगा और 27 दिसम्बर तक यह प्रभावी रहेगा। उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर से लेकर लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में 26 और 27 दिसम्बर को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और हिमपात की गतिविधियां होंगी।
अनुमान है कि इसी दौरान मैदानी इलाकों पर एक सर्कुलेशन भी बनेगा जिससे पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई वाले शहरों में भी कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। दिल्ली समेत शेष उत्तर-पश्चिम भारत में आंशिक बादल छायंगे लेकिन बारिश नहीं होगी।
इस बीच 22 से 25 दिसम्बर के बीच उत्तर-पश्चिमी हवाओं का असर फिर से बढ़ जाएगा जिससे तापमान में दोबारा गिरावट शुरू होगी। यानि क्रिसमस से पहले मैदानी इलाकों में शीतलहर की वापसी हो सकती है।
Image credit: Yellow Peaks
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