राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में लंबे समय की राहत के बाद अब लू का प्रकोप शुरू हो गया है। दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में तापमान सामान्य से ऊपर पहुंच गए हैं। इन राज्यों में कई जगहों पर तापमान नया रिकॉर्ड बना रहा है।
इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुंचा है लेकिन यह सिस्टम काफी कमजोर है जिसके कारण बारिश केवल उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों तक ही सीमित रही। मैदानी इलाकों पर इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है।
मैदानी राज्यों में इस प्रचंड गर्मी से किसी प्रकार की राहत मिलने की संभावना कम से कम अगले 4-5 दिन नहीं है। इस दौरान ना तो कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आएगा और ना ही बंगाल की खाड़ी या अरब सागर से आर्द्र हवाएं पहुंचेगी। यानि समूचे उत्तर पश्चिम भारत में गर्मी अपने चरम पर होगी। कई इलाके ऐसे हो सकते हैं जहां तापमान 46 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
रिकॉर्ड तोड़ने लगी गर्मी
तेज़ गर्मी, लू और चिलचिलाती धूप के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा है। ऐसे में घर से बाहर निकलते समय बेहद एहतियात बरतने की जरूरत है। जब भी घर से निकले पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और अपने बदन को पूरी तरह से ढक कर रखें। 23 मई को राजस्थान के चुरू में अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री, गंगानगर में 46.6 डिग्री, हिसार में 46 डिग्री, पिलानी में 46 डिग्री, बीकानेर में 45.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली के पालम में भी पारा 45.4 डिग्री पहुँच गया।
अगर आप उत्तर भारत में तो 28 मई तक इस गर्मी से राहत की उम्मीद बिलकुल मत कीजिए। उसके बाद 29 मई से कुछ राहत की उम्मीद नजर आ रही है। उस दौरान एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुंचेगा और इसके चलते एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मैदानी भागों पर विकसित होगा। इन दोनों सिस्टमों के कारण न सिर्फ पहाड़ों पर बल्कि मैदानी भागों में बारिश होगी।
मई के आखिर में आएगा प्री-मॉनसून वर्षा का आखिरी स्पेल
प्री-मॉनसून वर्षा का यह आखिरी स्पैल पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र से शुरू होगा। धीरे-धीरे अन्य इलाकों में भी मौसम बदलेगा। 29 से 31 मई के बीच समूचे उत्तर भारत में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। इस दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बादल छाएंगे और गर्जना के साथ बारिश देखने को मिलेगी।
यह वही समय होगा जब दक्षिण भारत में केरल पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दस्तक देने वाला होगा। स्काइमेट के अनुसार इस बार मॉनसून समय से पहले आएगा। भारत की निजी क्षेत्र की सबसे भरोसेमंद मौसम पूर्वानुमान कंपनी स्काइमेट आश्वस्त है कि 28 मार्च को केरल में दस्तक दे सकता है। गौरतलब है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में सामान्य से 5 दिन पहले 17 मई को मॉनसून का आगमन हो चुका है।
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