[Hindi] भारत में मार्च में सामान्य प्री-मॉनसून वर्षा के आसार, सर्दियों में सामान्य से कम हुई है बारिश

March 10, 2018 10:07 AM | Skymet Weather Team

देश भर में इस बार सर्दियों में उम्मीद और सामान्य से कम वर्षा हुई है। जनवरी और फरवरी में बादलों ने सबसे ज़्यादा निराश किया। जनवरी में जहां समूचे भारत में औसतन 19.2 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए वहीं इस बार यह आंकड़ा मात्र 2.9 मिलीमीटर रहा। इस साल के शुरुआती दोनों महीनों में कुल 15.4 मिलीमीटर बारिश हुई। यह 116 वर्षों के बाद रिकॉर्ड कम वर्षा का आंकड़ा है। इससे पहले 1902 में जनवरी-फरवरी में 11.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।

आंकड़ों के मुताबिक हम कह सकते हैं कि यह आवश्यक नहीं कि मार्च में भी पिछले दो महीनों का रुझान जारी रहे। मार्च के पहले सप्ताह में स्थिति में सुधार दिखा है और मौसम से जुड़े मॉडल आने वाले दिनों में भी सामान्य या बेहतर बारिश दिखा रहे हैं। मार्च में 30.9 मिलीमीटर औसत बारिश का आंकड़ा है और अनुमान है कि इस बार सामान्य वर्षा होगी। इस तथ्य को पिछले कुछ वर्षों में बारिश के तुलनात्मक आंकड़ों को देखकर समझा जा सकता है जब जनवरी-फरवरी में सामान्य से कम वर्षा हुई लेकिन मार्च में प्रदर्शन में काफी सुधार रहा।

ऊपर की टेबल में देख सकते हैं कि 6 अवसरों में 4 बार ऐसा हुआ कि मार्च में सामान्य से अधिक बारिश हुई जबकि इससे पहले सर्दियों में यानि जनवरी-फरवरी में सामान्य के कम बारिश हुई थी।

स्काइमेट के वेदर मॉडल संकेत कर रहे हैं कि मार्च में देश भर में सामान्य वर्षा देखने को मिलेगी। यही नहीं देश के कुछ इलाके ऐसे हो सकते हैं जहां सामान्य से अधिक बारिश भी हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मार्च के दूसरे पखवाड़े में पहले 15 दिनों की तुलना में अधिक बारिश होने की संभावना है।

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देश भर में बारिश के रुख में बदलाव के संदर्भ में भी मार्च का महीना बदलाव का महीना होता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस महीने में मौसमी स्थितियों में धीरे-धीरे परिवर्तन होता है और प्री-मॉनसून गतिविधियां ज़ोर पकड़ती हैं।

आने वाले दिनों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। गर्जना, बिजली कड़कने की घटनाएँ होना, धूल भरी हवाएँ चलना और कहीं-कहीं ओलावृष्टि होना इस सीज़न की आम मौसमी घटनाएँ हैं। हालांकि मार्च में बारिश का वितरण देश के सभी भागों में एक समान नहीं होता है। इस दौरान कहीं सामान्य से कम, कहीं सामान्य से अधिक और कहीं सामान्य वर्षा होती है।

उदाहरण के तौर पर मार्च 2017 में देश भर में सामान्य के आसपास 29 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मार्च में औसतन 30.9 मिलीमीटर वर्षा होती है। इस दौरान पूर्वोत्तर भारत में सबसे अधिक सामान्य से 60 प्रतिशत ऊपर बारिश दर्ज की गई थी। दूसरी ओर उत्तर भारत में सामान्य से 40 प्रतिशत कम बारिश हुई थी।

Image credit: The Telegraph

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