उत्तर भारत के सभी तीन पहाड़ी राज्यों, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में दिसंबर के अंत से व्यापक बारिश और बर्फबारी हो रही है। इतना ही नहीं, सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों को बंद कर दिया गया है, जबकि कई स्कूलों और विश्वविद्यालयों को भी बंद कर दिया गया है जिसने कि स्थानीय लोगों को घर के अंदर रहने के लिए मजबूर कर दिया है।
इन तीनों राज्यों में भीषण शीत लहर चल रही है और मौसम बेहद सर्द हो चला है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। मौसम वैज्ञानिकों कि मानें तो आने वाले दिनों में मौसम में कोई बड़ी राहत की उम्मीद नहीं है क्योंकि बारिश और बर्फबारी जारी रहेगी।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, दिसंबर में लगातार पश्चिमी विक्षोभ पारित होने के कारण, जम्मू और कश्मीर में अच्छी वर्षा ओर बर्फबारी दर्ज की गई। वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में वर्षा में अत्यधिक कमी रही। हालांकि, जनवरी की शुरुआत के बाद से, उत्तर भारत के सभी पहाड़ी राज्यों में व्यापक बारिश और बर्फबारी हुई। वास्तव में, पिछले सप्ताह से, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में अच्छी बारिश और हिमपात हुआ है।
पिछले 24 घंटों के दौरान भी, मध्यम औसत कि बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों और उत्तराखंड के एक-दो स्थानों पर देखि गयी।
इन गतिविधियों का जिम्मेदार जम्मू और कश्मीर के पूर्वी हिस्सों पर बने पश्चिमी विक्षोभ है। यह प्रणाली अब पूर्व की ओर बढ़ रही है। इसलिए, हम अगले 24 घंटों के लिए चल रही बारिश और बर्फ से एक छोटे से ब्रेक की उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन फिर भी पश्चिमोन के अवशेषों के कारण उत्तरी पहाड़ियों पर कुछ जगहों में बारिश और बर्फबारी से इनकार नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा, एक और पश्चिमी विक्षोभ 15 जनवरी और 16 जनवरी के आसपास उत्तर भारत की पहाड़ियों का रुख करने की संभावना है। इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि बारिश और बर्फबारी एक बार फिर से वापसी करेंगे। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि आने वाले सप्ताहांत यानी 18 और 19 जनवरी के आसपास उत्तरी पहाड़ियों पर बारिश और बर्फबारी जारी रहेगी।
इसके अलावा, 21 से 24 जनवरी के बीच, हम जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक बारिश और हिमपात की उम्मीद करते हैं। इस अवधि के दौरान, हमें कई अवरोधों के होने की उम्मीद है जैसे सड़क अवरोध, भूस्खलन, हिमस्खलन आदि।
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