भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान में बढ़ोत्तरी का क्रम यूं तो मार्च के आखिरी सप्ताह से ही शुरू हो गया था लेकिन फिर भी यह नियंत्रण में बना हुआ था। देश के कई हिस्सों में लू भी चलने लगी थी लेकिन अप्रैल अपने आगमन के साथ मौसमी बदलाव लेकर आया जिससे तापमान में व्यापक कमी देखने को मिली। हालांकि यह बदलाव बहुत कम समय के लिए ही था।
कुछ समय के लिए कई भागों में पारा सामान्य के आसपास आ गया था। लेकिन यह परिदृश्य कुछ ही दिनों में बदल गया और मौसम ने ऐसी करवट ली कि देश के अनेक इलाके लू की चपेट में आ गए। अप्रैल के दूसरे सप्ताह से ही देश के पूर्वी राज्यों में भयंकर लू चलने लगी और लोग गर्मी से त्राहि-त्राहि करने लगे।
अप्रैल का पहला सप्ताह सुहावने मौसम का साक्षी था लेकिन दूसरे और तीसरे सप्ताह में तापमान नए रिकॉर्ड कायम करने की होड़ में लग गया। पश्चिम बंगाल के बांकुरा में तापमान बढ़ते हुए 46.7 डिग्री और तितलागढ़ में 48.5 डिग्री तक पहुँच गया। सदाबहार मौसम का केंद्र बंगलुरु भी अप्रैल के महीने में सबसे गर्म मौसम का गवाह बना। लू ने इस दौरान पूर्वी राज्यों से निकल कर मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के भागों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। तमिलनाडु में भी लू का प्रसार देखने को मिला।
केरल भी मौसम के इस नए रूख से अछूता नहीं रहा और राज्य के कोझिकोड़ में तापमान ने 49 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश लगातार गर्म बने रहे। आंकड़ों के अनुसार बीते 4 दशकों में हैदराबाद में इस अप्रैल में सबसे अधिक गर्मी पड़ी। भीषण लू की चपेट में अब तक देश भर में 150 से अधिक लोग अपनी जान गँवा चुके हैं।
भुवनेश्वर, रांची और पटना जैसे देश के कई शहरों में तापमान ने नए रिकॉर्ड कायम किए। अप्रैल के पहले सप्ताह में अधिकतम तापमान जहां 30 से 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास था वहीं हर दिन बढ़ते हुए यह तीन सप्ताह बाद 40 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच जा पहुंचा।
बीते 2 हफ्तों में गर्मी ने सबसे अधिक कहर ढाया है। लू के प्रकोप से प्री-मॉनसूनी बारिश के रूप में भी मौसम ने किसी प्रकार से राहत नहीं पहुंचाई।
एक नज़र 1 अप्रैल और 24 अप्रैल के तापमान में बदलाव पर
दुर्भाग्य से अप्रैल के बाकी दिनों में भी मौसम के मिजाज में कोई विशेष बदलाव आने वाला नहीं है। भीषण लू के प्रकोप से कम से कम 30 अप्रैल तक तो मौसम आपको नहीं बचाने वाला है। हालांकि राहत की बात यह हो सकती है कि मई के पहले सप्ताह में प्री-मॉनसूनी बारिश के कुछ संकेत मिल रहे हैं। तब तक गर्मी से बचाव के उपाय आपको स्वयं करने होंगे।
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