उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में 6 मई से भीषण तूफान और भारी बारिश की चेतावनी जारी की जा रही थी। इसे लेकर आम जनमानस में अफरा-तफरी का माहौल था और मीडिया भी इन खबरों को काफी बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा था। इससे पहले उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में पिछले सप्ताह बुधवार को मौसम ने अचानक करवट बदली थी और तेज आंधी के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई थी।
इन प्री-मॉनसून गतिविधियों की चपेट में आने से राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 100 से अधिक लोगों की जान गई थी। इसके अलावा 300 से अधिक लोगों के घायल होने की भी खबर थी। कई स्थानों पर पेड़, बिजली के खंबे गिर गए थे और कच्चे मकानों तथा झोपड़े क्षतिग्रस्त हो गए थे। शायद इसी आशंका को ध्यान में रखकर 5 से 9 मई के बीच मौसम में बदलाव की तीव्रता को अधिक आँका गया और भीषण आँधी-तूफान, बादलों की गर्जना और भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई।
भारतीय मौसम विभाग सहित एक्यूवेदर सहित तमाम एजेंसियों की इस चेतावनी से लोगों में दहशत का माहौल बन गया था जिसका अब मखौल उड़ाया जा रहा है। जबकि स्काइमेट ने शुरू से ही मौसम में होने वाले पल-पल के बदलावों पर नज़र रखी और भारी बारिश-तूफान की आशंका को सिरे से खारिज कर दिया। स्काइमेट के आंकलन सटीक रहे और लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
सावधानी बरतनी जरूरी है लेकिन अफवाह उचित नहीं है। पिछली चेतावनी को लेकर आम लोग इस बात को लेकर परेशान थे कि क्या वाकई उत्तर भारत अगले कुछ दिन भीषण आंधी-तूफान और भारी वर्षा की चपेट में रहेगा? जबकि 6 और 7 मई में अधिकांश स्थानों पर मौसम में विशेष हलचल दिखाई नहीं दी। 7 मई की रात में कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी और बादलों की गरज के साथ कहीं-कहीं गई हल्की वर्षा दर्ज की गई। इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।
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अगले 24 घंटों तक उत्तर भारत के इलाकों में हल्की प्री-मॉनसून हलचल बनी रह सकती है। हालांकि तेज़ आंधी-तूफान और भारी वर्षा की आशंका कम है। उत्तरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और आसपास के भागों में मंगलवार की शाम को कुछ स्थानों पर धूलभरी आँधी और गर्जना के साथ हल्की वर्षा के आसार हैं। यह गतिविधियां जनजीवन को प्रभावित नहीं करेंगी। इसलिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।
हरियाणा सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास के भागों में मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए स्कूल बंद रखने के आदेश दे दिए गए। अब इस चेतावनी को लेकर मज़ाक उड़ाया जा रहा है। हमारा मानना है कि एहतियाती उपाय ठीक हैं लेकिन तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए ताकि आम जनमानस को अनावश्यक परेशानी ना हो। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
आपको बता दें कि अब कश्मीर के पास बना पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा और मैदानी क्षेत्रों पर बना चक्रवाती सिस्टम भी निष्प्रभावी हो जाएगा। जिससे अगले 24 घंटों के बाद अधिकांश भागों में मौसम साफ हो जाएगा। यानि ऐसी किसी आशंका की संभावना भी खत्म हो जाएगी।
Image credit: Scoopwhoop
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