बिहार में बादलों की तरह डेरा जमाये कोहरे के चलते लोग ठंड से बेहाल हैं। सामान्य जन-जीवन पटरी से उतर गया है और रेलगाड़ियां पटरी पर अपनी रफ्तार से नहीं दौड़ पा रही हैं। राज्य के दक्षिण से लेकर उत्तर और पूरब से लेकर पश्चिम तक के जिलों में घना कोहरा सूरज के तेज़ को फीका कर रहा है, यही वजह है कि सभी स्थानों पर दिन का तापमान सामान्य से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है। पटना, मुजफ्फरपुर, छपरा, सुपौल, भागलपुर औरपुर्णिया में सबसे अधिक सर्दी पड़ रही है। गया और फोर्बसगंज में भी विशेष राहत नहीं है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बिहार के ऊपर इस समय पूर्वी आर्द्र हवाएँ चल रही हैं जिसके चलते लंबे समय से घना कोहरा बना हुआ है। हवाओं की रफ्तार भी कम होने के चलते कोहरा घना हो रहा है। इस बीच पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाओं का प्रभाव बढ़ा है जिसके चलते कोहरे में मामूली कमी आई है और धूप भी कुछ स्थानों पर देखने को मिल रही है। हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रमुख स्थानों पर रिकॉर्ड किए गए तापमान पर नज़र डालें तो यह सामान्य से 9 डिग्री तक नीचे बना हुआ है। सबसे ठंडे स्थानों पर पिछले 24 घंटों के दौरान दर्ज किए गए तापमान नीचे दिए गए हैं।
बिहार जिन उत्तर-पश्चिमी शुष्क और ठंडी हवाओं के चलते कोहरा कम हो रहा है और अधिकतम तापमान में हल्की वृद्धि जारी है, वह हवाएँ अगले 36 घंटों तक यानि 16 जनवरी तक जारी रहेंगी। अनुमान है कि इस दौरान कोहरे में और कमी आएगी तथा दिन में पारा ऊपर जाएगा जिससे कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिलेगी। हालांकि यह राहत तात्कालिक है। आशंका है कि 17 जनवरी से फिर से पूर्वी आर्द्र हवाएँ प्रभावी होंगी जिससे कोहरा फिर से घना हो जाएगा और अगले 3-4 दिनों के लिए सूरज की किरणों को धरती पर पहुँचने से रोक देगा।
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यानि बिहार में कम से कम अगले 4-5 दिनों तक हाड़ कंपाने वाली ठंड से राहत मिलने की उम्मीद करने वालों को निराशा ही हाथ लगेगी। वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार जब तक हवा बदलकर उत्तर-पश्चिमी नहीं होती तब तक इस ठंडी से राहत मिलने वाली नहीं है। इन हवाओं की भी रफ्तार कम से कम 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की होनी चाहिए। इस समय कोहरा भले ही बादल बनकर छाया हुआ है लेकिन अगले कुछ दिनों तक बारिश जैसी संभावना राज्य में फिलहाल नहीं है।
Image credit: NDTV
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