मुंबई और इससे सटे शहरों में प्रचंड गर्मी का तांडव शुरू हो गया है। कल मुंबई में अधिकतम तापमान तेज़ी से बढ़ते हुए सामान्य से 7 डिग्री अधिक 41 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। इससे पहले मार्च में सबसे अधिक गर्मी 17 मार्च 2011 में देखने को मिली थी, जब पारा बढ़ते हुए 41.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुँच गया था। मुंबई के अन्य उपनगरों में भी भीषण गर्मी से हाहाकार रहा। ठाणे में कल अधिकतम तापमान में 43 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि देश की आर्थिक राजधानी में भीषण गर्मी से अगले 24 घंटों तक राहत के संकेत नहीं हैं क्योंकि मौसम में बदलाव की संभावना ना के बराबर है। स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार अगर हालात नहीं बदलते तो आज यानि 26 मार्च को मुंबई में तापमान सारे कीर्तीमान तोड़ सकता है। मुंबई के इतिहास में सबसे अधिक तापमान 28 मार्च 1956 को 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
तापमान में इस तेज़ वृद्धि के लिए तेलंगाना से होकर आने वाली गर्म पूर्वी हवाओं को ज़िम्मेदार माना जा रहा है। यही नहीं शुष्क मौसम और खिली तेज़ धूप के चलते भी पारा लगातार ऊपर जा रहा है। इसके साथ-साथ अधिक उमस भी मुंबई के मौसम को बड़ा बेईमान बना रही है। आमतौर पर मुंबई सहित तटीय भागों में दोपहर 1 बजे से समुद्र की सतह से हवाएँ चलने लगती हैं जिससे उमस अधिक होती है लेकिन तापमान नियंत्रण में रहता है। रविवार को मुंबई में समुद्र की सतह से हवाएँ 3 बजे के बाद चलीं जिससे पारा इतना ऊपर चला गया।
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आज उम्मीद है कि 1 बजे से समुद्री हवाएँ चलेंगी और कल के मुक़ाबले आज जानलेवा गर्मी से लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि ऐसा ना होने की स्थिति में भीषण गर्मी जारी रहेगी। इस बीच मौसमी परिदृश्य का संकेत है कि कल से मुंबई आ रही पूर्वी हवाएँ बंद होंगी और इसकी जगह उत्तर से हवाएँ पहुँचेंगी जिससे प्रचंड गर्मी से कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है।
Image credit: Deccan Chronicle
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