उत्तर भारत के भागों में लोग पिछले कई दिनों से गर्म हवाएँ, तेज़ चिलचिलाती धूप और सामान्य से ऊपर तापमान का अनुभव कर रहे थे। अनेक जगहों पर पारा 45 डिग्री को पार कर रहा था। सामान्य से 5 डिग्री तापमान के चलते कई जगहों पर लू से आम जन जीवन भी प्रभावित हो रहा था।
हालांकि स्काइमेट के वेदर मॉडल दिखा रहे हैं कि एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू व कश्मीर के पास पहुँचने वाला है जिससे उम्मीद है कि शनिवार यानि 30 मई को राज्य में बारिश होगी। इसके बाद यह पूर्व की ओर आगे बढ़ेगा और 31 मई से पंजाब तथा राजस्थान को प्रभावित करना शुरू करेगा। इस दौरान इन भागों में अच्छी बरसात देखने को मिल सकती है। यही नहीं एक-दो जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है।
अनुमान है कि 1 जून से इसका असर हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगा। उत्तर भारत में इस पश्चिमी विक्षोभ का असर 3 जून तक बने रहने के आसार हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसमी बदलाव का असर गंगा के मैदानी वाले भागों में भी कुछ जगहों पर देखने को मिल सकता है। 2 और 3 जून के बीच उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश में भी अच्छी बारिश के रूप में इसका असर देखा जाएगा।
इस बीच उत्तरी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन चुका है, जिसके असर के चलते उत्तर भारत के भागों में हवा बादल गई है। यहाँ अब उत्तर पश्चिमी गर्म और शुष्क हवाओं की बजाए थोड़ी नम दक्षिण पाश्चिमी हवाएँ चलने लगी हैं। जिससे पश्चिमी विक्षोभ की बारिश आने से पहले ही उत्तर भारत में हल्की राहत आ चुकी है।
उत्तरी राजस्थान पर चक्रवाती हवाओं का यह क्षेत्र पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलकर मौसम को प्रभावित करेगा जिससे इन भागों में अच्छी बारिश दर्ज की जाएगी।
पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी का प्रकोप झेल रहे राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के लोगों के लिए बारिश के इस लंबे दौर से राहत मिलेगी और उत्तर भारत में मौसम कम से कम 5-7 दिनों के लिए तो सुहावना हो ही जाएगा।
Image Credit: The Hindu