इन्डोनेशिया का बाली द्वीप इस समय खबरों में है। बाली में ज्वालामुखी धधक रहा है जिसके चलते हवाई अड्डे का परिचालन बंद कर दिया गया है। बाली में तकरीबन 1 लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं, जिनमें भारतीय भी हैं। लगातार 48 घंटों से उबल रहे ज्वालामुखी के चलते बाली द्वीप पर अफरातफरी का माहौल है। इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि उनका मंत्रालय हालात पर नज़र रखे हुए है और वहाँ मौजूद भारतीयों को अपने दूतावास के मध्यम से हर संभव सहायता के आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
सोमवार को ज्वालामुखी से उठती आग और धुएँ को देखते हुए द्वीपीय क्षेत्र के मुख्य हवाई अड्डे को 24 घंटों के लिए बंद किया गया था। मंगलवार को स्थिति बिगड़ते देख आज दूसरे दिन भी हवाई अड्डे से परिचालन ना करने का फैसला किया गया है। इससे पहले शनिवार से ही अगुंग पर्वत पर ज्वालामुखी से राख़ उठने लगी थी और उसका उभरना दिखाई दे रहा था।
शनिवार को ज्वालामुखी में विस्फोट शुरू होने के बाद से 30 हज़ार लोगों को वहाँ से हटा लिया गया है। राख़ के बादल लगभग 5 मील ऊपर तक दिखाई दे रहे हैं। लोग डरे-सहमें हैं। इन्डोनेशिया के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बोर्ड के अनुसार लगभग एक लाख लोग डैंजर ज़ोन में हैं। लेकिन विस्फोट के चलते हवाई मार्ग पर परिचालन बाधित होने से लोगों को निकालने में बाधा आ रही है।
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उल्लेखनीय यह भी है कि पूर्वी इंडोनेशिया का बाली द्वीप विदेशी पर्यटकों में लोकप्रिय है। यहाँ विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया से बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। ज्वालामुखी में विस्फोट के चलते बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक यहाँ फंसे हुए हैं।
आपदा राहत बोर्ड के अनुसार ज्वालामुखी लगातार उबल रहा है और इसमें विस्फोट बढ़ सकता है। हालांकि इसके दायरे को लेकर अंदाज़ा नहीं लगाया जा सका है। खतरे को देखते हुए इंडोनेशिया के राष्ट्रीय आपदा राहत बोर्ड ने उच्च श्रेणी की चेतावनी जारी की है और ज्वालामुखी के आसपास 10 किलोमीटर क्षेत्र में लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है।
Image credit: CNN
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