[Hindi] माउंट आबू में पारा शून्य से 1.4 डिग्री नीचे, 2-3 दिनों तक बना रहेगा फ्रीजिंग पॉइंट पर

January 3, 2018 4:50 PM | Skymet Weather Team

Updated on December 3, 2018 13:45 माउंट आबू में पारा शून्य से 1.4 डिग्री नीचे, तापमान फ्रीजिंग पॉइंट से नीचे बना रहेगा

राजस्थान के खूबसूरत पर्यटन स्थल माउंट आबू में तापमान में गिरावट का सिलसिला आज भी जारी रहा। आज न्यूनतम तापमान शून्य से 1.4 डिग्री नीचे पहुँच गया। यह लगातार दूसरा दिन है जब शून्य से नीचे पहुंचे तापमान के चलते माउंट आबू में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी रहा।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सामान्य से 4 डिग्री नीचे और शून्य से 1.4 डिग्री नीचे पहुंचे तापमान में कल भी विशेष सुधार नहीं दिखेगा और लोगों को भीषण शीतलहर का सामना करना पड़ेगा।

वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहे हैं कि अगले 2-3 दिनों तक तापमान में वृद्धि देखने को नहीं मिलेगी जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से संघर्ष करना पड़ेगा। हालांकि इस दौरान बारिश के आसार फिलहाल नहीं हैं। अगर तापमान में सुधार देखने को नहीं मिलता तो माउंट आबू में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र नक्की झील में जल्द ही बर्फ की पतली परत देखने को मिल सकती है।

Published on December 2, 2018 13:45 पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के मैदानी भागों में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। कई इलाके शीतलहर की चपेट में हैं। कई स्थानों पर मंगलवार को सीज़न का सबसे कम न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। राजस्थान में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। इस बीच माउंट आबू में आज पारा शून्य से भी नीचे पहुँच गया। मौसम केंद्र ने 0.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया जो सामान्य से 3 डिग्री कम है।

माउंट आबू यूं तो ठंडा रहता है लेकिन इस समय कड़ाके की ठंड ने अपना शिकंजा और कस लिया है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम से जल्द राहत के भी संकेत नहीं हैं। अगले 2-3 दिनों तक पारा शून्य से नीचे ही बने रहने की संभावना है। पहाड़ों पर स्थित होने के चलते आमतौर पर माउंट आबू में तापमान में इसी तरह की गिरावट होती है लेकिन ठंडी हवाओं के चलते पारा तेज़ी से नीचे गया है।

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फिलहाल इस साल की सर्दियों में अब तक माउंट आबू में विशेष बारिश नहीं हुई है। जम्मू कश्मीर के पास से गुजरने वाले पश्चिमी विक्षोभ से माउंट आबू प्रभावित नहीं होता बल्कि इसके प्रभाव से राजस्थान के आसपास विकसित होने वाले चक्रवाती क्षेत्रों के चलते बारिश होती है।

अब तक कोई बहुत प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत में नहीं आया है और ना इसके प्रभाव से चक्रवाती सिस्टम बने हैं इसलिए माउंट आबू सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में विशेष बारिश देखने को नहीं मिली है। अगले कुछ दिनों तक इस मौसम में विशेष बदलाव के आसार भी नहीं हैं। कड़ाके की ठंड का प्रभाव इस सप्ताह तक बने रहने की उम्मीद है।

Image credit: Staticpanoramio

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