मार्च के आखिरी सप्ताह में देश के अधिकतर इलाकों में मौसम शुष्क रहा। यही नहीं अप्रैल की शुरुआत भी शुष्क मौसम के साथ हुई। आंकड़े बताते हैं कि 29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच समूचे देश में महज़ 3.7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई जो कि इस दौरान औसतन 7.7 मिलीमीटर होनी चाहिए। यानी वर्षा में कमी 52 प्रतिशत रही।
इसके चलते पिछले दिनों से जारी बारिश में कमी का आंकड़ा और ऊपर चला गया और देशभर में अब तक के प्री-मॉनसून वर्षा सीजन में सामान्य से 48% कम बारिश हुई। पिछले हफ्ते जहां देश के अधिकांश इलाकों में मौसम शुष्क रहा वहीं पूर्वी राज्यों और पूर्वी तटीय क्षेत्रों में अच्छी वर्षा की गतिविधियां देखने को मिली। पूर्वोत्तर राज्य भी इस दौरान मुख्य रूप से सूखे ही रहे।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में इस सप्ताह के दौरान मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहा है। स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत एकमात्र ऐसा क्षेत्र था जहां सामान्य से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। इन भागों में सामान्य से 38 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। इसी दौरान सबसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में उत्तर पश्चिम भारत को शामिल कर सकते हैं, क्योंकि यहां बारिश में कमी 81 प्रतिशत रही।
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पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश 65 प्रतिशत कम रही जबकि मध्य भारत में सामान से 5 फीसदी कम बारिश हुई। देश के सभी 36 उपसंभागों में से 5 उप-संभागों में अत्यधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। 4 में सामान्य से कुछ अधिक वर्षा हुई। 2 उप-संभागों में सामान्य बारिश दर्ज की गई जबकि 6 में सामान्य से कम और 17 में बेहद कम वर्षा दर्ज हुई। 2 उप-संभागों में मौसम पूरी तरह शुष्क रहा।
अब आगे की बात करें तो इस मौसम में बदलाव आने की संभावना बनी है। जल्द ही देश के कई हिस्सों में प्री-मॉनसून वर्षा तेज़ होगी। पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में अगले कुछ दिनों के दौरान व्यापक रूप में वर्षा रिकॉर्ड की जा सकती है। इसी तरह उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में भी बादलों की गर्जना के साथ बारिश होने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले एक सप्ताह के दौरान बारिश का दौर एक साथ कई इलाकों में देखने को मिलेगा और कई दिनों तक बना रहेगा। गुजरात और तमिलनाडु को छोड़कर देश के अधिकांश राज्यों में हल्की वर्षा देखने को मिलेगी। उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में कल से बदलाव दिखाई देगा। इसके चलते सामान्य से अधिक तापमान और लू की स्थितियों में बदलाव आएगा और गर्मी से राहत मिलेगी।
Image credit: The Indian Express
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