संगम क्षेत्र जो पहले पूर्व-मध्य अरब सागर पर था, अब मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। वर्तमान में यह प्रणाली दक्षिण पूर्व-मध्य अरब सागर से ओडिशा होते हुए छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उत्तर कर्नाटक तक देखी जा सकती है।
इस प्रणाली ने पहले ही छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों जैसे बिलासपुर, माना में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छिटपुट वर्षा दी है, जबकि रायपुर, पेंड्रा और अंबिकापुर में तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश देखी गई। पूर्वी मध्य प्रदेश में भी एक दो जगहों पर गरज के साथ बारिश की गतिविधियाँ देखी गईं। भोपाल, जबलपुर और सीधी में पहले से ही बारिश हो रही थी।
यह प्रणाली अब पूर्व की ओर बढ़ रही है, इस प्रकार मध्य प्रदेश अब बहुत कम मौसम की गतिविधि देखेगा। हालांकि, छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्सों में कुछ अच्छी गतिविधि देखने को मिलती रहेगी। स्काईमेट के मौसम वैज्ञानिको के अनुसार, अगले 24 घंटों में पूरे राज्य में तेज़ हवाओं के साथ रुक-रुक कर बारिश होने लगेगी।
दिन का तापमान दोनों राज्यों में पहले ही गिर चुका है और कल फिर से बारिश होने की संभावना है। हालांकि इस अवधि के दौरान न्यूनतम दो डिग्री की गिरावट आएगी।
28 फरवरी से मौसम पूरी तरह से शुष्क होने की उम्मीद है। एक और संगम क्षेत्र एक बार फिर से 3 मार्च से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बारिश देना शुरू कर देगा।
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