अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफ़ान वायु अभी भी अपनी तीव्रता बनाए हुए है। पिछले 24 घंटों में, यह धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ा है और इस समय पोरबंदर से लगभग 260 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम दिशा में तथा वेरावल से 310 किमी पश्चिम में और दीव से 360 किलोमीटर पश्चिम में बना हुआ है।
चूंकि, यह प्रणाली सी ओ एल क्षेत्र (जहां हवाएं लगभग ना के बराबर होती हैं) के करीब आ गई हैं और ओमान पर पहुंचने वाली सब-ट्रॉपिकल भी कमजोर पड़ गई है। 48 घंटे में इस मौसम प्रणाली के तेजी से कमजोर होने की संभावना है।
जैसे-जैसे, उत्तर-पश्चिमी हवाएँ ऊपरी भागों में मजबूत हो रही है, मौसम जानकारों के अनुसार चक्रवात वायु का फिर से रुख बदल रहा है। यह पूर्वोत्तर अरब सागर पर एक डिप्रेशन या एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दवाब क्षेत्र के रूप में फिर से सक्रीय हो सकता है और धीरे-धीरे इसके तटीय गुजरात की ओर बढ़ने की संभावना है।
पूर्वोत्तर अरब सागर के भागों में 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ तेज हवाएं जारी रहेगी। हवा की यह रफ़्तार 135 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है। जबकि तटीय गुजरात के भागों में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के अनुमान हैं जो 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकता है। इसके बाद यह प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा।
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इस दो दिनों के दौरान, गुजरात के तटीय और आतंरिक भागों में वर्षा की गतिविधि घट जाएगी। जबकि, राज्य के पश्चिमी हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहेगी। आंतरिक भागों में भी हल्की बारिश दिखने के आसार हैं।
अगले 48 घंटों के बाद यानि 17 जून के आसपास, दक्षिण-पश्चिमी गुजरात के तटीय इलाकों जैसे पोरबंदर, द्वारका, ओखा और जामनगर में बारिश की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। इस दौरान क्षेत्र में अच्छी बारिश देखी जाएगी। स्काइमेट का लोगों के लिए सलाह है कि कम से कम अगले 3-4 दिनों के दौरान समुद्र के आसपास ना घूमें।
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Image Credit:DNA India
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