दक्षिण पश्चिम मानसून आने के बावजूद पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में काफी कम बारिश हुयी है। अब तक दक्षिणपश्चिम मानसून के आगमन के बाद से ज्यादा बारिश नहीं हुई है। आम तौर पर पूरे मौसम में बारिश हल्की रही है। हालांकि दोनों राज्यों में बारिश पिछले दो- तीन दिनों में तेज हुयी है, लेकिन पंजाब में इसकी उपस्थिति ज्यादा व्यापक है।
यही वजह है कि पंजाब में बारिश अधिशेष 21 प्रतिशत है, वहीं हरियाणा में बारिश, सामान्य से 16 प्रतिशत कम है।
पिछले रोज भी, पंजाब में हरियाणा से ज्यादा बारिश हुयी थी। मंगलवार को सुबह 08:30 बजे से 24 घंटों के दरमियान, पठानकोट में 36 मिमी बारिश हुयी, जबकि गुरुग्राम में 29 मिमी, पटियाला में 29 मिमी, करनाल में 15 मिमी, लुधियाना में 14 मिमी, भटिंडा में 9 मिमी, आनंदपुर साहिब में 8 मिमी, चंडीगढ़ में 5.6 मिमी, जबकि जलंधर में केवल 3 मिमी बारिश दर्ज की गई।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर से होकर गुजर रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण हालिया दौर की ये बारिश हुयी है। इसके अलावा, पूर्वी दिशा से बह रही हवाओं की वजह से, इस छेत्र में नमी बढ़ रही है।
अब तक, उत्तरी पंजाब के हिस्सों जैसे की अमृतसर, जलंधर, पटियाला और लुधियाना में बारिश और तेज होने की संभावना है। इसके चलते बारिश अधिशेष में और इजाफ़ा हो सकता है।
हालांकि इस दरमियान हरियाणा में बारिश हल्की होगी और अंबाला, करनाल, हिसार जैसे शहरों में बारिश हो सकती है। हालांकि ये बारिश छुट पुट और कहीं- कहीं होगी, इसलिए वर्षा की कमी में सुधार की गुंजाईश बहुत कम है।
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