उत्तर प्रदेश में बारिश पिछले रोज भी जारी रही। कई दिनों के सूखे के बाद बिहार में भी थोड़ी बारिश दर्ज की गई। वास्तव में, पिछले तीन-चार दिनों से, राज्य में तेज बारिश हो रही है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश से राज्य के पूर्वी हिस्सों तक लगभग सभी जगहों पर मॉनसूनी बारिश दर्ज की गई। हालांकि, बिहार में अलग-अलग स्थानों पर थोड़ी बहुत बारिश देखने को मिली।
शुक्रवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान शाहजहांपुर में 71 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पूर्णिया में 57 मिमी, गोरखपुर में 54 मिमी, लखनऊ में 34 मिमी, गया में 33 मिमी, बहराइच में 23 मिमी, मुजफ्फरपुर में 19 मिमी, गाज़ीपुर में 12 मिमी, बरेली में 13 मिमी, कानपुर में 14 मिमी, फुरसतगंज में 8 मिमी, वाराणसी में 4 मिमी, वहीं सुपौल में सबसे कम, सिर्फ 2 मिमी बारिश दर्ज की गई।
ये बारिश कम दबाव वाले क्षेत्र की वजह से हुयी थी जो इस इलाके में कायम था। इस सिस्टम की वजह से उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हुयी, जबकि बिहार में अलग- अलग जगहों पर सामान्य बारिश हुयी, वहीं इक्का दुक्का जगहों पर तेज बौछारें देखने को मिलीं।
चूंकि कम दबाव वाला क्षेत्र अब कमजोर पड़ गया है और पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के पूर्वी हिस्सों में चक्रवात परिसंचरण के रूप में स्थित है, इसलिये बारिश अब उत्तर प्रदेश और बिहार में तलहटी की ओर स्थानांतरित हो जायेगी।
इस वजह से अगले 24 घंटों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की तलहटी वाले इलाकों में बारिश में वृद्धि होगी। ये बारिश मध्यम दर्जे की होगी जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। इन इलाकों में बिजली कौंधने की घटना भी हो सकती है। ऐसी गतिविधियां लगातार जारी रहेंगी क्योंकि मौसम प्रणाली 6 अगस्त के आसपास गंगीय पश्चिम बंगाल पर कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में तेज हो सकती है और इसके, पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।
लगातार बारिश के चलते, दोनों ही राज्यों के नदियों के जल स्तर में वृद्धि हो सकती है। जहां उत्तर प्रदेश में गोमती, घाघरा, सरयू और रामगंगा में नदियों का जल स्तर बढ़ सकता है, वहीं बिहार में नारायणी, बागमती और कोशी में पानी की सतह में इजाफा होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, नेपाल की पहाड़ियों से आने वाले बारिश के पानी की वजह से भी जल स्तर में वृद्धि होगी। लगातार होने वाली इन बारिशों के चलते उत्तर प्रदेश और बिहार की तलहटी वाले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए रामपुर, बहराईच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत के लोगों को संभावित बाढ़ के दौरान सावधानी बरतने की हिदायत दी जाती है।
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