उत्तर भारत की पहाड़ियों पर पिछले कई दिनों से कभी तेज तो कभी मूसलाधार बारिश हो रही है। वास्तव में, बारिश की वजह से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर हालात बदतर हो चले हैं। इस बीच बारिश के लिहाज से जम्मू-कश्मीर की स्थिति, इन दोनों राज्यों की तुलना में बेहतर है।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं की वजह से दोनों राज्यों में स्थिति अस्त व्यस्त हो चली है। इस वजह से पर्यटकों और दूसरे यात्रियों का आवागमन प्रभावित हुआ है।
स्काईमेट वेदर के मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इन हालात से जल्दी राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि अगले 24 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद है।
पिछले दिन भी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली। जबकि जम्मू-कश्मीर में हल्की बारिश बनी रही।
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शुक्रवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान, नाहन में 110 मिमी की भारी बारिश दर्ज की गयी, इसके बाद मसूरी में 99 मिमी, हरिद्वार में 96 मिमी, देहरादून में 90 मिमी, सोलन में 76 मिमी, उत्तरकाशी में 65 मिमी, टिहरी में 60 मिमी, धर्मशाला में 55 मिमी, सुंदरनगर में 45 मिमी, शिमला में 40 मिमी, कुल्लू में 38 मिमी, मंडी में 36 मिमी, कालपा में 23 मिमी, मुक्तेश्वर में 19 मिमी, पंतनगर में 17 मिमी जबकि मनाली में 13 मिमी बारिश हुई।
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर के बटोटे में केवल 2 मिमी बारिश दर्ज की गई जबकि जम्मू को बारिश की बूंदों से संतोष करना पड़ा।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, उच्च वायु चक्रवात परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विछोभ, जम्मू-कश्मीर के केंद्रीय इलाकों में सक्रिय है और पूर्वी दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी कम दबाव वाला क्षेत्र बन रहा है।
इस वजह से, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में मध्यम तीव्रता के साथ बारिश जारी रहने की उम्मीद है। भूस्खलन और एक या दो जगहों पर बादल फटने की घटनाएं भी हो सकती हैं।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर में बारिश में कमी आएगी और यहां केवल कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। मौसम की मौजूदा स्थिति अगले 48 घंटे तक जारी रहने की संभावना है।
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