स्काईमेट वेदर की भविष्यवाणी के अनुसार, आख़िरकार उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश शुरू हो गई है। बुधवार को सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मॉनसून से, लखनऊ में 87.6 मिमी की भारी बारिश हुई, जबकि इसके बाद सुल्तानपुर में 79.6 मिमी, आगरा में 46.4 मिमी, बांदा में 39.4 मिमी, इलाहाबाद में 39 मिमी, मेरठ में 34.3 मिमी, कानपुर में 27 मिमी, मुजफ्फरनगर में 21 मिमी, बहराइच में 14.2 मिमी, अलीगढ़ में 9.2 मिमी जबकि झांसी में केवल 3 मिमी बारिश हुयी।
भारी बारिश के चलते, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में, अधिकतम और न्यूनतम तापमान, दोनों में ही गिरावट आयी है।
आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है। वहीं मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की जाएगी। इस बीच, पूर्वी उत्तर प्रदेश में आम तौर पर हल्की से मध्यम बारिश होगी।
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इसके अलावा, मानसून की अक्षीय रेखा में भी परिवर्तन हो सकता है और अब यह उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रही है। इसलिए, अगले तीन से चार दिनों तक उत्तर प्रदेश में बारिश और तेज होने की पूरी उम्मीद है।
इस बीच, बिहार में मानसूनी बारिश बहुत हल्की रही है। हालांकि बुधवार को सुपौल, पूर्णिया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर जैसी जगहों पर हल्की वर्षा दर्ज की गयी।
वास्तव में, आने वाले दिनों में भी बिहार में कम बारिश होगी। हालांकि सूखे का ये दौर जल्द ही ख़त्म होगा, लेकिन बारिश की फुहारें काफी हल्की होंगी।
11 जुलाई तक बिहार में 32 प्रतिशत कम बारिश हुयी है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 55 प्रतिशत, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 51 प्रतिशत कम बारिश हुयी है। वर्षा में ये कमी इसलिए है, क्यूंकि जून के महीने और जुलाई के पहले सप्ताह के दौरान, यहां बेहद कम बारिश हुयी है।
अब आगरा, बहराइच, लखनऊ, कानपुर, बरेली, अलीगढ़ और मेरठ जैसी जगहों पर अच्छी बारिश होगी। इस तरह, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश की कमी काफी हद तक दूर होगी। वास्तव में, हालिया दिनों हो रही बारिश के चलते, पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश की कमी में कितना सुधार हुआ है, इस पर नजर रखनी होगी। इस दरमियान, बिहार में बारिश की कमी के आंकड़ों में, कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।
Image credit: ABP
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