बीते 2-3 दिनों में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सहित देश के पूर्वी तटवर्ती भागों में अच्छी मात्रा में बारिश दर्ज की गई है। उदाहरण के तौर पर देखें तो बीते 48 घंटों के दौरान आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 191 मिलीमीटर और कलिंगापट्टनम में 150 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इस दौरान चेन्नई सहित तमिलनाडु के अन्य तटवर्ती क्षेत्रों में भी भारी वर्षा हुई।
इस समय लक्षद्वीप के पास बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से एक ट्रफ पूर्वोत्तर राज्यों तक बनी हुई है। यह ट्रफ केरल, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और बंगाल की खाड़ी के उत्तर से होकर जा रही है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के तटों के पास भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र जिसने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और कलिंगपट्टनम जैसे भागों में भारी वर्षा दी है।
स्काइमेट के वेदर मॉडल्स के अनुसार तटवर्ती आंध्र प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान अच्छी वर्षा दर्ज किए जाने की संभावना है। उसके पश्चात ट्रफ कमज़ोर हो जाएगी और इन भागों में बारिश की गतिविधियां सिमट जाएंगी।
उत्तर पूर्वी मॉनसून का आरंभ हो चुका है। ऐसे में पूर्वी तट के दक्षिणी भागों में छिटपुट वर्षा की गतिविधियां होती रहेंगी। आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र बनते हैं। इसलिए इस दौरान पूर्वी तटीय भागों के पास भारी वर्षा होना कोई असामान्य गतिविधि नहीं है।
हालांकि इस बार अब तक बंगाल की खाड़ी में ऐसा कोई मौसमी सिस्टम विकसित नहीं हुआ है जो डिप्रेशन या गहरे डिप्रेशन का रूप ले सके। अक्टूबर से अब तक इन भागों में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र और निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में ही मौसमी हलचल देखने को मिली है। एक सशक्त अल-नीनो की मौजूदगी को खाड़ी में किसी प्रभावी मौसमी सिस्टम के विकसित ना हो पाने की वजह माना जा सकता है।
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