पंजाब और हरियाणा में मानसून ने जल्दी दस्तक दी और आगमन के साथ ही दोनों ही राज्यों में बारिश की स्थिति अच्छी रही।
बारिश के लिहाज से जून का महीना काफी बढ़िया रहा। पंजाब में पर्याप्त मात्रा में, 102 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, वहीं हरियाणा में 41 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गयी।
जुलाई में भी पंजाब और हरियाणा में अच्छी बारिश हुयी और गरज के साथ बौछारें पड़ीं। आज की तारीख तक पंजाब में बारिश अधिशेष 6 प्रतिशत है, लेकिन ये आंकड़ा जून से कम है। इसके अलावा हरियाणा में सामान्य बारिश हुई, लेकिन फिर भी ये 12 प्रतिशत कम है।
पिछले 24 घंटों के दौरान दोनों ही राज्यों में अच्छी बारिश हुयी और गरज के साथ बौछारें पड़ीं। कुछ जगहों पर काफी बारिश देखने को मिली। जैसे की अनंतपुर साहिब में 105 मिमी की भारी बारिश दर्ज की गयी, इसके बाद करनाल में 69 मिमी, कुरुक्षेत्र में 66 मिमी, पठानकोट में 65 मिमी, लुधियाना में 55 मिमी, अमृतसर में 44 मिमी, रोहतक में 42 मिमी वहीं पटियाला में 31 मिमी बारिश हुयी।
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ऐसा इस क्षेत्र में बन रही बहुत सी मौसम प्रणालियों की वजह से हुआ है। दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश और उससे सटे उत्तर मध्य प्रदेश के ऊपर कम दबाव का छेत्र बना हुआ है। वहीं पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू-कश्मीर के इलाकों में पश्चिमी विछोभ सक्रिय है।
इस प्रकार, कम दबाव की वजह से बारिश का उत्तर-दक्षिण छेत्र, उत्तर की ओर दिल्ली, हरियाणा होते हुये पंजाब तक आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा मानसून की अक्षीय रेखा भी इस इलाके के नजदीक है।
इस वजह से, मौसम की यही स्थिति आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। यानी, अगले 24 घंटों के दौरान दोनों राज्यों में व्यापक तौर पर बारिश होगी और गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी। कहीं-कहीं काफी तेज बारिश हो सकती है। लगभग 48 घंटों के बाद, बारिश में कमी आने की संभावना है।
आकाश में बादलों की मौजूदगी और वर्षा की वजह से अगले कुछ दिनों तक मौसम खुशगवार रहेगा और तापमान भी कम बना रहेगा।
Image Credit: Wikipedia
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