जुलाई के दौरान मध्य प्रदेश में भारी बारिश हुई जिसकी वजह से कई जिलों में बाढ़ आ गई। हालांकि, जुलाई के आखिरी सप्ताह के बाद से ही, बारिश में काफी कमी आई है और मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में लगभग शुष्क मौसम की स्थिति बनी हुयी है, विशेष रूप से पश्चि मी मध्य प्रदेश में लंबे समय तक सूखे की स्थिति बरक़रार रही।
पूर्वी मध्य प्रदेश में रुक-रुक कर बारिश जारी रही। वास्तव में, पिछले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हुई। मंगलवार को सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान, शेओपुर में 55 मिमी की जोरदार बारिश देखने को मिली, जबकि सतना में 38 मिमी, दमोह में 31 मिमी, रीवा में 24 मिमी, दतिया में 24 मिमी, खजुराहो में 23 मिमी, और नौगोंग में 16 मिमी वर्षा दर्ज हुयी।
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अब, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम पर स्थित, अच्छी तरह से चिन्हित कम दबाव का क्षेत्र शक्तिहीन हो चुका है और फ़िलहाल ये उड़ीसा के आंतरिक हिस्सों में स्थित है। यह मौसम प्रणाली पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगी और एक बार फिर कमजोर पड़ सकती है और अच्छी तरह से चिन्हित कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकती है। यह स्थिति छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के हिस्सों में कुछ वक़्त के लिए बरकरार रहेगी।
इसलिए, हमे उम्मीद है कि मध्य प्रदेश के अधिकतर इलाकों में 24 घंटों तक भारी बारिश जारी रहेगी। भारी बारिश की वजह से एक बार फिर से राज्य में बाढ़ की तबाही देखने को मिल सकती है। हालांकि ये स्थिति लंबे समय तक जारी नहीं रहेगी।
24 घंटों के बाद, वेदर सिस्टम कमजोर हो जाएगा और आगे पश्चिम की ओर बढ़ जाएगा जिसके कारण बारिश में कमी आयेगी। इसलिए 10 अगस्त तक एक बार फिर राज्य में बारिश कमजोर पड़ जाएगी।
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