[Hindi] मॉनसून की रिकॉर्ड तोड़ वापसी, महज़ 8 दिनों में भारत से हुई विदाई, देरी लेकिन काफी तेज रही वापसी की रफ्तार

October 16, 2019 2:05 PM|

Monsoon 2019 Withdrawal.jpg - The Hindu

लंबे समय तक बने रहने वाले दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 की आखिरकार बुधवार यानि 16 अक्टूबर को भारत से विदाई हो गई, वह भी एक झटके में। साल 1961 के बाद से सबसे ज्यादा देरी से वापसी इस साल हुई है। महज़ आठ दिनों में ही भारत से वापसी करने के साथ मॉनसून 2019 ने यह इतिहास के रिकॉर्ड में अपनी जगह बना ली है।

जैसा कि स्काइमेट द्वारा बार-बार बताया गया है कि मॉनसून की वापसी 15 ° N तक की जाती है जिसमें वेस्ट कोस्ट पर गोवा और ईस्ट कोस्ट पर मछलीपट्टनम है। मॉनसून 2019 की वापसी की यात्रा 9 अक्टूबर को शुरू हुई थी। यह आठ दिनों की निरंतर प्रक्रिया थी। सबसे रिकॉर्ड तोड़ बात तो यह है कि मॉनसून 2019 ने पहले तीन दिनों में ही देश के अधिकांश हिस्सों से वापस हो गया था।

मॉनसून की बारिश, जो कि शुरुआत में रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था वह अक्टूबर के दूसरे सप्ताह के दौरान अचानक से बंद हो गई। आपको बता दें कि नमी के स्तर में गिरावट, हवा के पैटर्न में बदलाव और राजस्थान और आसपास के इलाकों में एंटी-साइक्लोन की स्थापना के बाद मॉनसून की वापसी की शुरुआत की घोषणा 9 अक्टूबर को ही हो गई थी और आज बुधवार यानि 16 अक्टूबर को इसने देश को पूर्ण रूप से अलविदा कह दिया।

स्काईमेट के मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष, जीपी शर्मा ने कहा कि,"हमने पहले ही कहा था कि मॉनसून के वापसी की यात्रा एकदम तेजी से होगी, लेकिन इतनी तेजी से होना वाकई आश्चर्यजनक है। हमने हमेशा कहा है कि मॉनसून की अपनी गतिशीलता है, जो कि एक रहस्य है। इस साल, मॉनसून अल नीनो की घटना सहित सभी बाधाओं को धता बताते हुए अपनी खुद की कॉल के साथ आया। "

मॉनसून 2019 ने तो पूरे देश को आश्चर्य में डाल दिया था। 8 जून को देरी से साथ मॉनसून के आगमन के बाद, 33% की बड़ी कमी के साथ यह शुरुआत के महीने में बुरी तरह विफल रहा। हालांकि, उसके बाद स्थितियाँ सुधरी और जुलाई में 105% बारिश के साथ तेजी आई, लेकिन मौसम के दूसरे छमाही के दौरान परिदृश्य बदल गया। अगस्त में 115% की भारी वर्षा दर्ज की गई।

इतना ही नहीं, वापसी का महीना माने जाने सितंबर में भी 152% की रिकॉर्ड बारिश के साथ काफी अच्छा प्रदर्शन किया।

Also, Read In English: Gone with the wind as Southwest Monsoon 2019 vacates India in just 8 days, quickest in history

सामान्य मानसून से नीचे रहने की उम्मीद के साथ, 870 मिमी के एलपीए की 110 प्रतिशत से अधिक वर्षा के साथ समाप्त हुआ। भारत अच्छे मानसून के मौसम के लिए तरस रहा था, जो आखिरकार 25 साल के लंबे इंतजार के बाद मिल गया। यह साल 1994 के बाद ऐसा हुआ है कि भारत ने औसत से अधिक वर्षा देखी।

Image Credit: The Hindu

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

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