दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 की वापसी यात्रा सोमवार यानि 15 अक्टूबर तक लगातार चौथे दिन तक जारी रही। इस मॉनसून सीज़न में यह महज चार दिनों की अवधि में मानसून की तेजी से वापसी में से एक है।
हाल तक ही, मॉनसून 2019 मुंबई के पश्चिमी भाग और कोलकाता के पूर्वी भागों से वापसी कर लिया है। इसके साथ, मौसम की स्थिति अब दोनों शहरों में बदलने साथ मौसम अब गर्म हो जाएगा। हालांकि, स्थानीय मौसमी प्रणाली के कारण अलग-अलग जगहों पर बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती है।
अब तक, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 ने पूरे गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल व सिक्किम सहित पूरे पूर्वोत्तर भारत से वापसी कर लिया है। इसके साथ ही कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा व विदर्भ के कुछ हिस्सों, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों, ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों से भी मॉनसून की विदाई हो गयी है।
मॉनसून की वापसी रेखा डायमंड हार्बर, बंगरीपोशी, सुंदरगढ़, धमतरी, रामागुंडम, नांदेड़ होते हुए अलीबाग से गुजर रही है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि, अगले 24-48 घंटों के दौरान देश के बाकी हिस्सों से भी मॉनसून की वापसी के लिए मौसम की स्थिति अनुकूल बनी रहेगी।
आमतौर पर मॉनसून की वापसी का अध्ययन 15 ° N मतलब गोवा के पश्चिमी तट पर और मछलीपट्टनम के पश्चिमी तटीय इलाकों तक किया जाता है। इसके बाद, भारत के उत्तर-पश्चिम और मध्य भागों से मानसून की वापसी जल्द ही पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
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प्रायद्वीपीय भारत में, हवाओं ने पहले से ही अपने पैटर्न को पश्चिमी से अब पूर्वी दिशा में बदल लिया है जिसके कारण आने वाले दिनों में इसके और मजबूत होने की संभावना है।
Image credit: The Indian Express
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