दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने सितंबर के शुरुआत से ही पश्चिमी राजस्थान से वापसी शुरू कर दी थी। यह पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों से भी वापस हो चुका है। लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत के बाकी भागों से इसकी वापसी अब थम गई है। पंजाब, दिल्ली तथा आसपास के भागों और उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों से समान्यतः मॉनसून की वापसी 15 सितंबर को हो जाती है। लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी में अभी एक हफ्ते का समय और लग सकता है।
बंगाल की खाड़ी में पिछले कुछ दिनों से एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। जिसके प्रभाव से मॉनसून इस समय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में सक्रिय बना हुआ है। निम्न दबाव का क्षेत्र और प्रभावी होते हुये अब सशक्त हो गया है। इसके चलते गंगा के मैदानी वाले भागों में हवाओं का रूख बदल कर पूर्वी हो गया है। पूर्वी हवाओं के चलते गंगा के मैदानी वाले भागों में नमी का स्तर बढ़ गया है जो मौसम को गर्म के साथ-साथ उमस भरा भी बना रहा है।
दिल्ली में बन रही है बारिश की संभावना
दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए जो प्रमुख मौसमी बदलाव जिम्मेदार होते हैं उनमें से कुछ बदलाव इस हफ्ते दिखाई नहीं देंगे जिससे इसकी वापसी में ठहराव आया है। उत्तर भारत के मैदानी भागों में इस समय आर्द्रता के स्तर में बढ़ोत्तरी हो गई है, जिसमें कम से कम एक हफ्ते तक कमी आने की उम्मीद नहीं है। साथ ही राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में 20 और 21 सितंबर को बारिश होने की संभावना भी बन रही है।
इन सभी बदलावों के चलते मॉनसून राष्ट्रीय राजधानी सहित उत्तर भारत के बाकी भागों से मॉनसून वापसी से पहले कुछ विराम लेने वाला है।
Image Credit: The Hindu