पिछले हफ्ते जैसी संभावना हमने जताई थी, मुंबई समेत महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के साथ-साथ गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में ज़बरदस्त बारिश देखने को मिली। व्यापक मॉनसून वर्षा ने मुंबई की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी थी। हालांकि गत सप्ताह पूर्वोत्तर भारत पर मॉनसून कमजोर हुआ जिसके चलते बारिश में कमी आई।
इस साल के मॉनसून में अब तक जून का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा और मॉनसून 2020 की सबसे अच्छी बारिश हुई, जिससे इस खरीफ फसलों की बड़े पैमाने पर बुआई हुई है। दूसरी ओर जुलाई ने निराश किया। जुलाई में पिछले 5 वर्षों में सबसे कम बारिश साल 2020 में हुई है। चार महीनों के मॉनसून सीज़न के शुरुआती दो महीनों यानि जून और जुलाई में कुल 453 मिमी बारिश हुई है। औसतन इन दो महीनों में 452 मिमी वर्षा होती है।
जुलाई में कमजोर मॉनसून का खरीफ फसलों की बुवाई पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता, सिवाय इसकी गति को थोड़ा धीमा करने के। इस साल अब तक खरीफ फसलों के अंतर्गत 800 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में बुआई हुई है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 20% अधिक है।
मॉनसून सीजन के चार महीनों का आधा हिस्सा बीत चुका है। इन 4 महीनों में मॉनसून के प्रदर्शन में बदलाव एक स्वाभाविक मॉनसून की स्थिति है। जुलाई में हुई कम बारिश का खरीफ फसलों के उत्पादन पर कोई बड़ा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। अगस्त में मॉनसून में सुधार दिखाई दे रहा है, खासकर पूर्वी और मध्य भागों में मॉनसून सुधरा है।
मॉनसून सीजन में अच्छी बारिश हो या ना हो लेकिन बारिश के पानी का संग्रहण बेहद आवश्यक होता है। देश के विभिन्न भागों में सरकार द्वारा चिन्हित जलाशयों में जल स्तर से भी बारिश की उपयोगिता का अनुमान लगाया जा सकता है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जलाशयों में पानी का स्तर अधिक है। इस बीच बंगाल की खाड़ी पर उभर रहे मौसमी सिस्टम मॉनसून को सक्रिय रखने में मदद करेंगे। इस सप्ताह उत्तरी, मध्य और पूर्वी भागों में अच्छी वर्षा की संभावना है।
उत्तर भारत
यह सप्ताह पिछले हफ्ते के मुक़ाबले अधिक बारिश देने वाला है। सप्ताह की शुरुआत अधिकांश भागों में बारिश के साथ होने की संभावना है। शुरुआती 3-4 दिनों में बारिश की तीव्रता अधिक रहने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान को छोडकर उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में 10 से 12 अगस्त के बीच व्यापक रूप से बारिश हो सकती है। मध्य और दक्षिण राजस्थान में 13 से 16 अगस्त के बीच मध्यम से भारी वर्षा के आसार हैं।
पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत
बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक के बाद एक मॉनसून सिस्टमों के चलते इस पूरे क्षेत्र में सप्ताह भर मध्यम से भारी बारिश की गतिविधियां देखने को मिलती रहेंगी। पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और बहुत भारी बारिश का खतरा फिलहाल नहीं है। हालांकि बिहार और झारखंड में बारिश के साथ वज्रपात यानि बिजली गिरने की आशंका रहेगी। कोलकाता में सप्ताह के मध्य से तेज़ बारिश देखने को मिल सकती है।
मध्य भारत
इस सप्ताह मध्य भारत में अधिकांश जगहों पर सक्रिय मॉनसून की संभावना है। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में तेज बारिश रुक-रुक कर होती रहेगी। सप्ताह के मध्य से गुजरात में मॉनसून की हलचल बढ़ जाएगी। मुंबई सहित कोंकण गोवा क्षेत्र में सामान्य मॉनसून वर्षा के आसार हैं। सप्ताह के मध्य से इन भागों में भारी बारिश की संभावना है।
दक्षिण भारत
तेलंगाना और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में 10 से 13 अगस्त के बीच मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इस सप्ताह के दौरान केरल में भारी बारिश की उम्मीद नहीं है। बारिश में कमी के बाढ़ की स्थिति में सुधार होगा। बेंगलुरु और चेन्नई सहित प्रायद्वीपीय भारत के बाकी हिस्सों में कम से कम मॉनसून वर्षा की इस सप्ताह उम्मीद है।
दिल्ली-एनसीआर
10 से 12 अगस्त के बीच दिल्ली और एनसीआर में मॉनसून की अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। 11 अगस्त को बारिश के साथ हल्की और मध्यम हवाएं भी चल सकती हैं। सप्ताह के बाकी दिनों में भी दिल्ली और आसपास के शहरों में रुक-रुक कर हल्की बारिश जारी रहने की संभावना है।
चेन्नई
दक्षिण भारत के महानगर शहर चेन्नई में मौसम काफी गर्म और आर्द्र बना रहेगा। सप्ताह के दौरान केवल हल्की बारिश होने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान 36-37 और न्यूनतम तापमान 26-27 के बीच रहने के आसार हैं।
Image credit: Tribune
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