उत्तर भारत के मैदानी भागों में पंजाब से लेकर पूर्वी भारत में बिहार तक मूसलाधार मॉनसूनी बौछारों का फिर से इंतज़ार हो रहा है। इन भागों में जुलाई की शुरुआत में अच्छी वर्षा हुई थी जबकि बीते कई दिनों से विशेष बारिश देखने को नहीं मिलीं। इन भागों में मॉनसून में सुस्ती अनुमान है कि अभी 48 घंटों तक और बनी रहेगी। हालांकि बिहार के पूर्वी भागों में कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा की गतिविधियां रुक-रुक कर देखी जा रही हैं।
मध्य प्रदेश पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते मॉनसून की धुरी या कहें कि मॉनसून का पूरा ज़ोर देश के मध्य भागों पर ही बना हुआ है। इसके चलते मध्य भारत में बीते कई दिनों से मध्यम से भारी बारिश हो रही है जिससे इन भागों में कुल मॉनसूनी बारिश का आंकड़ा सामान्य से 14 प्रतिशत से अधिक के स्तर पर पहुँच गया है।
इस सिस्टम के अगले 2 दिनों में कमजोर होने की संभावना है। इसके कमजोर होने के साथ मॉनसून की धुरी उत्तरी दिशा में गंगा के मैदानी भागों की ओर पहुँच सकती है। इस मौसमी बदलाव से उत्तर भारत के मैदानी भागों में 14 जुलाई से मॉनसून के फिर से सक्रिय होने और बारिश बढ़ने की संभावना है। 14 जुलाई से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और समूचे उत्तर प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा शुरू हो सकती है। एक-दो स्थानों पर भारी मॉनसूनी बारिश भी दर्ज की जा सकती है।
वर्षा का यह संभावित दौर 19 जुलाई तक जारी रहेगा और इस दौरान उन राज्यों में भी बारिश के आंकड़े तेज़ी से ऊपर जाएंगे जिनमें अभी सामान्य या सामान्य से कम वर्षा हो रही है। हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में अब तक के आंकड़ों के अनुसार सामान्य से 5 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इन राज्यों में 14 से 19 जुलाई के दौरान यह आंकड़े सामान्य से ऊपर पहुँच सकते हैं।
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