दिल्ली में मॉनसून की बारिश 30% अधिक है और उत्तर प्रदेश में 5% की कमी है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 4% अधिशेष है और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में काफी कम वर्षा हुई है, यही कारण है कि यह 21% कम है।
उत्तर प्रदेश और दिल्ली में मॉनसून कमजोर है। 20 सितंबर तक उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बारिश की गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है और 22 से 25 सितंबर के बीच पूरे उत्तर प्रदेश में बारिश में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उत्तर प्रदेश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में 23 से 25 सितंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश हो सकती है, जिससे स्थानीय बाढ़ आ सकती है।
दिल्ली में तेज धूप और आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ शुष्क मौसम का अनुभव हो रहा है। 21 सितंबर से दिल्ली और एनसीआर में बारिश की गतिविधियां शुरू होने की उम्मीद है और बारिश की गतिविधियां अगले 3 से 4 दिनों तक जारी रह सकती हैं। यानी दिल्ली और एनसीआर समेत उत्तरी मैदानी इलाकों से मानसून की वापसी में देरी होगी।
दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश शुरू होने का कारण ओडिशा और आसपास के क्षेत्रों पर चक्रवाती परिसंचरण को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जो उत्तर-पश्चिम दिशा में उत्तर एमपी की ओर बढ़ जाएगा। मॉनसून की अक्षीय रेखा का पश्चिमी छोर भी उत्तर की ओर बढ़ सकता है। ये मौसम पैरामीटर दोनों राज्यों में बारिश को बढ़ाएंगे।