अब तक के मॉनसूनी प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि मॉनसून 2016 सबसे अधिक मेहरबान मध्य भारत के भागों पर है। मध्य भारत के कई इलाके लगातार तेज़ बारिश की गिरफ्त में रहे हैं। इसमें भी मध्य प्रदेश में सामान्य से काफी अधिक वर्षा पहले ही हो चुकी है जबकि छत्तीसगढ़ इस मामले में कुछ पीछे रहा है। छत्तीसगढ़ में मध्य प्रदेश के मुक़ाबले और सामान्य से कम बारिश हुई है।
लेकिन इस समय मौसमी परिदृश्य छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश के लिए अनुकूल बन रहा है। मॉनसून की अक्षीय रेखा पश्चिम में बीकानेर से सतना, गया, बांकुरा और डायमंड हार्बर होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व में बनी हुई है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे कमजोर होगा। मध्य भारत के भागों में पहले ही बारिश में कमी आ गई है साथ ही इस सिस्टम के निष्प्रभावी होने पर बारिश में और कमी देखने को मिलेगी। लेकिन दूसरी तरफ ओड़ीशा के तटों के करीब बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है। यह सिस्टम पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। जिसके चलते छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अच्छी वर्षा दर्ज की जा सकती है।
बीते 24 घंटों के दौरान छत्तीसगढ़ पर कोई सिस्टम नहीं होने के चलते बारिश लगभग ना के बराबर हुई है। लेकिन जल्द ही हल्की वर्षा की गतिविधियां शुरू होंगी और 24 घंटों के बाद जैसे-जैसे ही खाड़ी में विकसित हुआ सिस्टम राज्य के करीब आएगा बारिश में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।
अब तक के मॉनसूनी बारिश के आंकड़ों के अनुसार पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 41 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश 33 फीसदी से आगे है। लेकिन छत्तीसगढ़ में सामान्य से 5 फीसदी कम मॉनसून बारिश रिकॉर्ड की गई है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आने वाले कुछ दिनों के दौरान राज्य में अच्छी बारिश की संभावना है जिससे बारिश के आंकड़ों में अगस्त के जाते-जाते व्यापक सुधार देखने को मिलेगा।
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