राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के भागों में बीते कुछ वर्षों से मॉनसून का प्रदर्शन कमजोर होता जा रहा है। जलवायु विशेषज्ञ इस जलवायु परिवर्तन से जोड़ कर देख रहे हैं। हालांकि इस बार राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के राज्यों में मॉनसून समय से पहले आया। दिल्ली और आसपास के भागों में 27 जून के आगमन के साथ इसका प्रदर्शन भी अच्छा रहा। लेकिन कुछ ही समय में मॉनसून कमजोर हो गया जिससे गर्मी और उमस बढ़ गई।
कई दिनों के शुष्क, गर्म और उमसभरे मौसम के बाद अब मॉनसून वर्षा का इंतज़ार खत्म होता दिखाई दे रहा है। इस समय मॉनसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के करीब से होकर गुज़र रही है। इन भागों में बंगाल की खाड़ी से आर्द्र पूर्वी हवाएँ भी पहुँच रही हैं जिससे मॉनसूनी बादल बढ़ गए हैं। अनुमान है कि यह बादल अगले 3-4 दिन तक बने रहेंगे और रुक-रुक कर हल्की वर्षा देते रहेंगे। कहीं-कहीं मध्यम बारिश भी होगी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान मौसमी परिदृश्य अगर आगे भी जारी रहता है तो उत्तर-पश्चिम भारत में 16-17 जुलाई तक बारिश जारी रहेगी। दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद, हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र, लुधियाना, अंबाला, पटियाला, अमृतसर, गंगानगर और जयपुर सहित कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। इन भागों में एक-दो बार तेज़ मॉनसूनी बौछारें भी गिर सकती हैं।
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अब तक मॉनसून का प्रदर्शन देखें तो उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को मॉनसून ने निराश किया है। इन भागों में 1 जून से 12 जुलाई तक सामान्य से 12 प्रतिशत कम बारिश हुई है। यानि जहां 141 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए वहाँ अब तक 124.6 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इसमें भी दिल्ली को मॉनसून ने सबसे ज़्यादा निराश किया और सामान्य से 44 फीसदी कम 75 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि 1 जून से 12 जुलाई तक समान्यतः 130.4 मिलीमीटर बारिश होती है। अगले कुछ दिनों के दौरान संभावित बारिश से इन आंकड़ों में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।
Image credit: India.com
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