जुलाई तीसरा हफ्ता चल रहा है। और हरियाणा राज्य के अब तक मॉनसून अच्छा नहीं रहा है। ज़ाहिर है कम बारिश से खेती पर व्यापक असर पड़ रहा है। किसानों के माथे पर चिंता भी दिखाई दे रही है।
1 जून से 16 जुलाई तक बारिश के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में जितनी बारिश इस दौरान होनी चाहिए उससे 43% कम बारिश हुई है। राज्य में अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल ऐसे ज़िले हैं जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है। बाकी फ़रीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, पानीपत, पंचकुला, मेवात, महेन्द्रगढ़, फ़तेहाबाद, भिवानी सहित सभी जिलों में बहुत कम वर्षा इस साल के मॉनसून में हुई है।
आने वाले दिनों में भी बहुत अच्छी बारिश की संभावना दिखाई दे नहीं रही है। हालांकि 17 से 19 जुलाई के बीच राज्य में कुछ स्थानों पर बारिश होने के आसार हैं।
इस दौरान उत्तर में कुरुक्षेत्र, यमुनानगर से लेकर दक्षिण में महेन्द्रगढ़-रेवाड़ी तक और पश्चिम में सिरसा से लेकर पूरब में पानीपत, सोनीपत तक हरियाणा के सभी भागों पर पूर्वी हवाएँ चलती रहेंगी। कुछ स्थानों पर गर्जना के साथ बारिश भी होगी।
उसके बाद बारिश देने वाली मॉनसून ट्रफ हिमालय के तराई क्षेत्रों के और करीब चली जाएगी जिससे 20 से 23 जुलाई के बीच हरियाणा में लगभग सभी जिलों में बारिश बंद हो जाएगी। मौसम शुष्क हो जाएगा। 24 जुलाई से फिर से इस ट्रफ के वापस आने और बारिश शुरू होने की संभावना है, लेकिन अभी यह दूर की बात है।
इस मौसम के खेती पर असर की बात करें तो जिन भागों में वर्षा होगी वहाँ सुझाव है कि खड़ी फसलों से पानी के निकास का व्यवस्था करें और कीटों तथा खरपतवार के नियंत्रण हेतु उचित प्रबंध करें।
किसानों को सलाह है कि धान की फसल में यूरिया का छिड़काव पानी का स्तर कम रहने पर और मौसम साफ रहने की स्थिति में ही करें।
संकर मक्के की बिजाई 20 जुलाई तक पूरी कर लेना बेहतर होगा। बुआई के लिए संकर मक्के की अच्छी किस्में स्क्रीन पर आप देख सकते हैं।
Image credit: TriCity Metro
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