पिछले सप्ताह देश के मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में कई जगहों पर मॉनसून सक्रिय रहा। केरल में मूसलाधार मॉनसून की गतिविधियों में कमी आई और भीषण बारिश तथा बाढ़ के संकट से केरल के लोगों को राहत मिली। देशभर में मॉनसून सीजन की अब तक की बारिश सामान्य से 4% ऊपर पहुंच गई है। हालांकि मॉनसून के दूसरे महीने जुलाई में सामान्य से 10% कम बारिश हुई थी। इसके अलावा अगस्त के शुरुआती 4 दिनों तक हर दिन औसत से कम वर्षा हुई थी जिसकी वजह से बारिश का आंकड़ा 4 अगस्त तक सामान्य से 2% कम था यानी औसत से 10 मिलीमीटर कम वर्षा हुई थी।
4 अगस्त के बाद से मॉनसून के प्रदर्शन में सुधार आया और हर दिन औसत से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई या औसत के आसपास वर्षा रिकॉर्ड की गई जिसके चलते 10 अगस्त आते-आते देश में कुल बारिश सामान्य के आसपास पहुंच गई और बीते सप्ताह में भी बेहतर मॉनसून वर्षा हुई जिसके चलते अब दीर्घावधि औसत वर्षा 104% पर आ गई है।
मॉनसून के प्रदर्शन में सुधार से किसानों के चेहरों पर खुशी दिखनी शुरू हुई है। देश के मध्य और पश्चिमी भागों में तिलहनी और खाद्यान्न की कई फसलें जिस अवस्था में है उसमें पानी की बेहद जरूरत थी। 10 से 17 अगस्त के बीच ठीक-ठाक बारिश के कारण देश के अधिकांश इलाकों में यह ज़रूरत पूरी हुई है और प्रमुख फसलों की स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि इस दौरान तेलंगाना, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और तटीय कर्नाटक को छोड़कर दक्षिण भारत में बारिश बहुत कम हुई है। उत्तर भारत में अभी भी कमजोर मॉनसून का सामना करना पड़ रहा है और यहां बारिश में तकरीबन 20 फ़ीसदी की कमी बनी हुई है। लेकिन इस सप्ताह इस अंतर में बदलाव आएगा क्योंकि मॉनसून का प्रदर्शन सुधरने की संभावना है।
कोविड-19 की महामारी के बीच और मॉनसून के शिथिल प्रदर्शन के बावजूद देश में इस इस वर्ष कृषि का विकास 3.67% की दर से संभावित है जबकि 2018-19 में कृषि की वृद्धि दर -2.78% थी। इस साल 6 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती की गई है। यह अच्छी खबर है लेकिन अभी भी यह लक्ष्य के 25 लाख हेक्टेयर से बहुत कम है। इस सप्ताह एक के बाद एक दो निम्न दबाव के क्षेत्र बनेंगे जिनके चलते मॉनसून देश के कई राज्यों पर सक्रिय रहेगा और मध्य प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान तथा गुजरात के कुछ भागों में बाढ़ जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
उत्तर भारत
इस सप्ताह मॉनसून की अक्षीय रेखा अपनी सामान्य स्थिति या उससे दक्षिण की तरफ रहेगी जिसके चलते पंजाब, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में हल्की से मध्यम वर्षा रुक-रुक कर होती रहेगी। हालांकि राजस्थान के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है। राजस्थान के पश्चिमी भागों में भी कुछ स्थानों पर रुक रुक कर हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। सप्ताह के शुरुआती तीन-चार दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश में व्यापक वर्षा का अनुमान है। पर्वतीय क्षेत्रों की बात करें तो उत्तराखंड में लगभग सभी जगहों पर मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा का अनुमान है। जबकि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों में बारिश होगी बाकी भागों में मॉनसून कमजोर रहेगा। उत्तराखंड में भूस्खलन जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत
बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर बन रहा निम्न दबाव का क्षेत्र पूर्वोत्तर भारत और पूर्वी भारत के मौसम को प्रभावित करेगा। सप्ताह के शुरुआती तीन चार दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल, झारखंड में व्यापक वर्षा की गतिविधियां हो सकती हैं। बिहार के भी दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर बारिश देखने को मिलेगी। सप्ताह के मध्य से इन भागों में गतिविधियां कम हो जाएंगी। दूसरी ओर पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों में सप्ताह के शुरुआती दिनों में कम बारिश होगी जबकि मध्य के बाद से अच्छी वर्षा देखने को मिल सकती है। 17 से 19 अगस्त के बीच संभावित निम्न दबाव के प्रभाव से त्रिपुरा में मूसलाधार वर्षा के आसार हैं।
मध्य भारत
पिछले निम्न दबाव के क्षेत्र और संभावित निम्न दबाव के प्रभाव से मध्य भारत के भागों में इस सप्ताह अधिकांश समय बारिश होने की संभावना। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 19, 20 और 21 अगस्त को मूसलाधार वर्षा हो सकती है, जिससे स्थानीय तौर पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी 21 से 23 अगस्त के बीच लगभग सभी जगहों पर वर्षा का अनुमान है। कुछ स्थानों पर बाढ़ का खतरा रहेगा। गुजरात में लगभग पूरे सप्ताह मध्यम से भारी मॉनसून वर्षा की संभावना है।
दक्षिण भारत
दक्षिण भारत में इस सप्ताह मॉनसून की हलचल काफी कम रहेगी। उत्तरी तेलंगाना और तटीय कर्नाटक में 20 से 22 अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है। तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी 22 और 23 अगस्त को कुछ स्थानों पर वर्षा हो सकती है। जबकि केरल में इस सप्ताह कोई उल्लेखनीय मॉनसूनी हलचल अपेक्षित नहीं।
दिल्ली
दिल्ली को वर्षा मिलने वाली है। सप्ताह के शुरुआती तीन-चार दिनों के दौरान मॉनसूनी गतिविधियां अपेक्षाकृत ज्यादा होंगी बनिस्बत सप्ताह के आखिरी दिनों के। 17 से 20 अगस्त के बीच मध्यम वर्षा का अनुमान है। उसके बाद हल्की वर्षा होगी। इस सप्ताह दिल्ली में दिन का तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री के आसपास रहेगा।
चेन्नई
उधर दक्षिण भारत के महानगर चेन्नई में आंशिक तौर पर बादल आते-जाते रहेंगे। उमस भरा मौसम लगातार बरकरार रहेगा। छिटपुट वर्षा की गतिविधियां चेन्नई में सप्ताह के शुरुआती दिनों में और आखिरी दिनों में देखने को मिल सकती हैं। अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री रिकॉर्ड किया जा सकता।
Image credit: News Heads
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