बिहार और उत्तर प्रदेश पिछले कई दिनों से वर्षा की कमी से जूझ रहे हैं। 22 अगस्त तक उत्तर प्रदेश में बारिश की कमी का आंकड़ा 13% था, जबकि बिहार में स्थिति और भयावह थी। यहां सामान्य औसत से 22% कम बारिश रिकॉर्ड की गयी है। अगर और सटीक आंकड़ों की बात की जाये, तो पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्रमश: 15% और 10% कम बारिश हुई है।
पिछले कई दिनों से मानसून की अक्षीय रेखा मध्य भारत से होते हुये गुजर रही थी। इसके अलावा, निम्न दबाव का क्षेत्र और डिप्रेशन जैसी लगातार मौसमी प्रणालियां भी इस क्षेत्र में विकसित हो रहीं थीं। इसलिए, सक्रिय मानसून की स्थिति मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों पर केंद्रित है। नतीजतन, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत गंगा के मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में शुष्क और उमस भरे मौसम की स्थिति देखी जा रही थी।
फिलहाल, मध्य प्रदेश पर निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर हो गया है। हालांकि, दो मौसमी प्रणालियां निर्मित हुयी हैं, एक केंद्रीय उत्तर प्रदेश में और दूसरी दक्षिण बिहार और उससे सटे झारखंड के इलाके में। इसके अलावा, मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर प्रदेश और बिहार से होते हुये भी गुज़र रही है।
इन सभी मौसमी प्रणालियों को मद्देनजर रखते हुये, अब कम से कम अगले 48 घंटों यानि 25 अगस्त तक, दोनों ही पूर्वी राज्यों में बारिश में पर्याप्त वृद्धि की उम्मीद है। इन इलाकों में कहीं सामान्य तो कहीं तीव्र बारिश हो सकती है।
अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे की आगरा, अलीगढ, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, अमेठी, औरैया, आजमगढ़, बदायूं, बागपत, बहराईच, बलिया, बलरामपुर, बाँदा, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, फैज़ाबाद, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फ़िरोज़ाबाद, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, ग़ाज़ीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, जालौन, जौनपुर, झाँसी, ज्योति बा फुले नगर, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कांशीराम नगर, कौशाम्बी, खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, लखनऊ, महामाया नगर, महोबा, महराजगंज, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मेरठ, मिर्ज़ापुर, मुरादाबाद, मुज़फ्फरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, राय बरेली, रामपुर, सहारनपुर, संभल, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर (भदोही), शाहजहांपुर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, उन्नाव और वाराणसी में बारिश के झोंके और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के तलहटी वाले इलाकों जैसे की बहराइच, लखीमपुर खीरी, नजीजाबाद, बरेली और रामपुर में भारी बारिश हो सकती है, जिससे अगले 2 से 3 दिनों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में तबाही मचाने के बाद बाढ़ की विभीषका उत्तर में स्थानांतरित होने की उम्मीद है।
उसके बाद वर्षा की तीव्रता कम हो जाएगी, लेकिन बिखरी हुयी बारिश इन राज्यों में जारी रहेगी। इस बात की काफी संभावना है कि 28 अगस्त के आसपास उत्तर प्रदेश और बिहार में बारिश तेज हो सकती है। इसके अलावा छुट-पुट बारिश का दौर और गरज के साथ बौछारें पड़ने का क्रम महीने के अंत तक जारी रहेगा। तो महीने के अंत तक इस बात की उम्मीद व्यक्त की जा सकती है कि बिहार के साथ उत्तर प्रदेश में भी बारिश की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी।
Image credit: India.com
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।